पटना: न्यायिक प्रक्रिया में शामिल होने से रोकने पर हाइकोर्ट के सरकारी वकील इंद्रदेव प्रसाद ने मुख्य न्यायाधीश संजय करोल के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायधीश के समक्ष एक परिवाद पत्र दायर किया है.
वकील इंद्रदेव प्रसाद का कहना है कि हाइकोर्ट में फिजिकल माध्यम से की जा रही सुनवाई में वे अपना पक्ष रखना चाहते थे. जिस पर मुख्य न्यायाधीश ने कोर्ट मास्टर से पूछा कि अधिवक्ता इंद्रदेव प्रसाद को इस मामले की सुनवाई में लिंक किसने दिया. फिर उन्होंने टेक्निकल स्टाफ से कहा कि लिंक काटो. लिंक को तब तक स्थगित रखा गया जब तक श्री प्रसाद हट नही गये.
अधिवक्ता इंद्र देव प्रसाद ने कहा कि वकील को सुनवाई में न्यायाधीशों की जांच अधिनियम 1968 की धारा-3 सहपठी सुप्रीम कोर्ट भारत की अधिसूचना 2015 के अंतर्गत शामिल होने का अधिकार है, जिसे मुख्य न्यायाधीश ने रोक कर न्यायालय और न्यायाधीश की गरिमा को ठेस पहुंचायी है. उन्होंने कहा कि इन सभी बातों की जानकारी सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को लिखित रूप में दी गयी है.
Posted by : Thakur Shaktilochan Shandilya