बिहार : जुलाई में खुलेंगे सरकारी स्कूल और कोचिंग संस्थान
अगले महीने जुलाई से प्रदेश में सरकारी और मान्यता प्राप्त स्कूल खोल दिये जायेंगे. इनके साथ ही कोचिंग भी खोली जायेंगी. शिक्षा विभाग ने इसके लिए अनौपचारिक तौर पर खाका तैयार कर लिया है.
पटना : अगले महीने जुलाई से प्रदेश में सरकारी और मान्यता प्राप्त स्कूल खोल दिये जायेंगे. इनके साथ ही कोचिंग भी खोली जायेंगी. शिक्षा विभाग ने इसके लिए अनौपचारिक तौर पर खाका तैयार कर लिया है. विभाग बहुत ही सुरक्षित तरीके से स्कूल संचालित करने जा रहा है. इसके लिए उसने पूरी रणनीति बना ली है. केंद्रीय गाइड लाइन के मुताबिक प्रदेश भर में स्कूली बच्चों,अभिभावकों और प्रबंधन समितियों से रायशुमारी के बाद इसकी तिथि तय की जायेगी. आधिकारिक जानकारी के मुताबिक माध्यमिक शिक्षा निदेशक गिरिवर दयाल सिंह ने जुलाई में स्कूल,कोचिंग और अन्य शैक्षणिक संस्थान खोलने के लिए भारत सरकार के दिशा निर्देश के मुताबिक रायशुमारी करने के लिए जिला शिक्षा पदाधिकारियों को लिखा है. सुझाव विद्यार्थियों, अभिभावकों, शिक्षण संस्थाओं , विद्यालय प्रबंधन समितियों से 6 जून तक लिये जाने हैं.
उल्लेखनीय है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने तीस मई को एक पत्र के जरिये इस तरह की कवायद करने के दिशा निर्देश दिये हैं. सात जुलाई तक यह सुझाव माध्यमिक शिक्षा निदेशक के कार्यालय में भेजने के लिए कहा गया है. जिला शिक्षा पदाधिकारियों को यह सुझाव ई मेल आइडी एवं वाट्सएप के जरिये मुख्यालय भेजने के लिए कहा है.
इन मुद्दों पर मांगी जायेगी राय—
– विद्यालय या संस्थान को किस तिथि से खोला जाये?
– नामांकन कब से प्रारंभ किये जायें?
– विद्यालय की संचालन अवधि क्या हो?
– कक्षा का संचालन अधिकतम कितने बच्चों को साथ पढ़ाया जाये?
– कक्षा की अवधि क्या हो?
– कक्षा में बैठने की क्या व्यवस्था हो?
– विद्यालय में प्रवेश और निकास की क्या व्यवस्था हो?
विद्यालय में सोशल डिस्टैंसिंग कैसे लागू की जाये?
प्रार्थना सत्र का संचालन किया जाये या नहीं?
प्रवेश की प्रक्रिया की जायेगी शुरू
मानव संसाधन विकास मंत्रालय जुलाई में स्कूल खोलने को लेकर पॉलिसी बना रहा है. उसके निर्देश मिलने के बाद अंतिम रूप से निजी और सरकारी स्कूल खोलने का निर्णय लिया जायेगा. जुलाई में उम्मीद है कि एडमिशन की प्रक्रिया शुरू हो जायेगी. सामान्य से लेकर प्रवासी मजदूरों के बच्चों के एडमिशन की प्रक्रिया शुरू की जायेगी. — डॉ रणजीत कुमार
Posted By : Rajat Kumar