ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार देगी अनुदान
ग्रामीण पर्यटन गांवों की जीवनशैली, संस्कृति की खोज और अनुभव पर केंद्रित है.ग्रामीण पर्यटन क्षमता इसकी विविध,जीवंत संस्कृति,हस्तशिल्प,लोक कला,त्योहार और मेलों में निहित है.
संवाददाता, पटना
ग्रामीण पर्यटन गांवों की जीवनशैली, संस्कृति की खोज और अनुभव पर केंद्रित है.ग्रामीण पर्यटन क्षमता इसकी विविध,जीवंत संस्कृति,हस्तशिल्प,लोक कला,त्योहार और मेलों में निहित है.इसमें स्थानीय संस्कृति और जीवन के प्रति गहरी समझ विकसित करने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों की यात्रा करना,खेती, हस्तशिल्प और गांव की सैर जैसी विभिन्न गतिविधियों में भाग लेना शामिल है. इसे देखते हुए राज्य सरकार द्वारा गांवों की जीवन, कला-संस्कृति और विरासत को प्रदर्शित करने वाली पर्यटन इकाइयों को बढ़ावा दिया जायेगा.ग्रामीण क्षेत्रों में पर्यटन इकाइयां स्थापित होने से स्थानीय लोककला को प्रोत्साहन और हस्तशिल्प का संरक्षण होगा. गांवों में स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे. इसे देखते हुए राज्य सरकार ने ग्रामीण पर्यटन में निवेश करने वाले निवेशकों को अनुदान देने का प्रावधान पर्यटन नीति में किया गया है. एक रिसर्च के अनुसार ग्रामीण पर्यटन उद्योग वर्ष 2022 से 2030 तक 11.4% की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर से बढ़ने की संभावना है.
ग्रामीण क्षेत्रों में गेस्ट हाउस पंजीकृत किये जायेंगे, ताकि कमरे पर्यटकों के ठहरने के लिए किराए पर उपलब्ध हो सकेंगे. गेस्ट हाउस में पर्यटकों के भोजन की व्यवस्था भी करनी होगी.कृषि भूमि पर अनुमोदित पर्यटन इकाइयों के लिए जमीन का क्षेत्रफल निर्धारित किया गया है.इसके 90 फीसदी हिस्से में कृषि और बागवानी कार्य, घोड़ा फार्म, पशुधन, फसल बोने के लिए,हस्तशिल्प,बगीचे आदि गतिविधियां पर्यटकों को ग्रामीण परिवेश उपलब्ध करवाया जायेगा. पर्यटन विभाग द्वारा पूर्व में जारी होम स्टे (पेइंग गेस्ट हाउस) स्कीम ग्रामीण क्षेत्र में भी लागू है.इसके तहत आवास मालिक द्वारा स्वयं के आवास में पर्यटकों को पांच कमरों तक आवास सुविधा उपलब्ध होगी.
कितनी मिलेगी सब्सिडी
पर्यटन विभाग के सचिव अभय कुमार सिंह ने बताया कि पर्यटन नीति के तहत निवेशकों को वित्तीय प्रोत्साहन दिया जायेगा.राज्य निवेश प्रोत्साहन पर्षद (एसआइपीवी) से मंजूरी मिलने वाली 10 करोड़ तक निवेश करने पर 30 फीसदी सब्सिडी या अधिकतम तीन करोड़ का लाभ दिया जायेगा. इसी प्रकार से 50 करोड़ तक के निवेश करने पर 25 फीसदी की सब्सिडी या अधिकतम 10 करोड़ का लाभ मिलेगा. ग्रामीण पर्यटन के लिए एक करोड़ के निवेश पर 25 फीसदी अनुदान का प्रावधान किया गया है.
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