Patliputra University: श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में सोमवार को पाटलिपुत्र यूनिवर्सिटी के चौथे कन्वोकेशन का आयोजन किया गया. कन्वोकेशन में कुल 33 विषयों में 19 छात्राओं ने गोल्ड मेडल और डिग्रियां हासिल की, जबकि चार शोधार्थियों को पीएचडी की उपाधि दी गयी. छात्र-छात्राओं के हाथों में डिग्री और गोल्ड मेडल उनकी मेहनत का गवाह बना. दीक्षांत समारोह में स्टूडेंट्स को संबोधित करते हुए कुलाधिपति सह राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कहा- शिक्षा का उद्देश्य व्यक्ति निर्माण है, और व्यक्ति निर्माण से ही राष्ट्र निर्माण होता है. व्यक्ति ऐसा हो, जो अपने साथ-साथ समाज व देश के बारे में सोचें. समाज में डिग्री-मेडल की कोई पूछ नहीं है, आपका व्यक्तित्व ही काम आयेगा.
क्या बोले राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर
पटना के श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में सोमवार को पाटलिपुत्र यूनिवर्सिटी के चौथे दीक्षांत समारोह में स्टूडेंट्स एक रंग में नजर आये. सभी के चेहरे पर मुस्कान के साथ गर्व का भाव झलक रहा था. दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए राज्यपाल सह कुलाधिपति राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कहा- विश्वविद्यालय से आपको डिग्रियां और मेडल दी जा रही हैं. अब समाज आपसे उम्मीद कर रहा है कि आप नौकरी लेने वाला बनते हैं, या फिर देने वाला. नौकरी लेने वालों की अभी कोई पूछ नहीं है. यदि आप नौकरी देते हैं, तो आपको यह समाज याद करेगा. आप नौकरी देने वाला कैसे बनें? इसके लिए पाटलिपुत्रा विश्वविद्यालय में आगामी दो महीने के भीतर एक सेल बनेगा. जहां आपको बताया जायेगा कि आप कैसे इसके लिए आगे बढ़ें.
सभी विवि में होगा इंटरप्रेन्योर सेल का गठन
कुलाधिपति राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कहा कि सभी विवि में इंटरप्रेन्योर सेल का गठन आने वाले दो माह में किया जायेगा. यह सेल युवाओं को पढ़ाई के क्रम में उद्यमी बनने की दिशा में प्रेरित और मार्गदर्शन करेंगे. उन्होंने छात्रों से आह्वान करते हुए कहा कि यदि आप नौकरी करते हैं, तो आप आठ घंटे के बदले 10 घंटे भी कार्य करें, तो आपकी सैलरी निर्धारित ही रहेगी, लेकिन स्वरोजगार में आपकी आय कई गुणा बढ़ जायेगी. उन्होंने कहा कि ‘अब डिग्री व मेडल की कोई पूछ नहीं है. आपका समाज में क्या व्यवहार है? इसी को लोग देखेंगे’. यह गर्व का विषय है कि पीपीयू विगत तीन वर्षों में चौथा दीक्षांत समारोह आयोजित कर सभी विश्वविद्यालयों को एक बेहतर संदेश दिया है. यह इस बात का द्योतक है कि यहां प्रवेश, परीक्षा और परिणाम सभी नियमित हैं.
उच्च शिक्षा में पलायन रूका है : कुलाधिपति
राज्यपाल ने कहा कि बिहार का शिक्षा एवं संस्कृति का इतिहास समृद्ध रहा है. अब शिक्षा के क्षेत्र में हम फिर उस ऊंचाई को प्राप्त करें, इसके लिए शिक्षक, शासन व प्रशासन को एक मंच पर आना होगा. पिछले वर्ष से सभी विवि में नामांकन की संख्या बढ़ी है. उच्च शिक्षा में पलायन कम हो रहा है. वोकेशनल कोर्स में भी पलायन रूका है. अब समय पर डिग्री मिल रही है. कोशिश ये होनी चाहिए कि अन्य राज्यों के स्टूडेंट्स बिहार के विवि में एडमिशन लेकर पढ़ाई करें.
गोल्ड मेडलिस्ट नेट-जेआरएफ की कर रहें तैयारी
पीपीयू के अधिकांश गोल्ड मेडलिस्ट रिसर्च और नेट, जेआरएफ की ओर आकर्षित हो रहे हैं. गोल्ड मेडल और डिग्री प्राप्त करने के बाद कई स्टूडेंट्स ने कहा कि नेट की तैयारी जारी है. असिस्टेंट प्रोफेसर और पीएचडी करना है. 33 विषयों के टॉपर को गोल्ड मेडल दिया गया. इसमें से 19 लड़कियां और 14 लड़के शामिल थे. वहीं, चार स्टूडेंट्स को पीएचडी की उपाधि प्रदान की गयी.
आपके कंधों पर है अमृतकाल लाने का जिम्मा : प्रो अभय
दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए नालंदा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो अभय कुमार सिंह ने कहा कि अमृतकाल हमारे मनोबल और विश्वास का काल है. देश प्रेम, सद्भाव, निष्ठा के साथ कार्य में लगने की जरूरत है. अमृत काल लाने की महत्ती जिम्मेवारी भी आपके कंधों पर है. उन्होंने कहा कि अभी विकसित भारत का अभियान चल रहा है. ऐसे में आपको संकल्प करना होगा कि वर्ष 2047 तक हम उस लक्ष्य को प्राप्त कर सकें. इसके लिए आपको पूरी ईमानदारी से सहयोग करने की जरूरत है.
तीन वर्षों में चार बार दीक्षांत गौरवपूर्ण है : प्रो आरके सिंह
पाटलिपुत्र विवि के कुलपति प्रो आरके सिंह ने कहा कि जब मैं तीन वर्ष पहले यहां आया था, तो दो वर्ष सत्र विलंब चल रहा था. सभी को नियमित करते हुए तीन वर्षों में चौथा दीक्षांत समारोह कराना मेरे लिए गौरवपूर्ण क्षण है. समारोह में सत्र 2022-24 के पीजी नियमित और व्यवसायिक के 8586 विद्यार्थियों को डिग्री, चार शोधार्थियों को उपाधि एवं यूजी के 85,585 विद्यार्थियों को डिग्रियां दी गयी. अब जल्द ही इनका डिग्री पीजी विभाग और महाविद्यालय में भेज दिया जायेगा. वे वहां से सभी प्राप्त कर सकेंगे.
कार्यक्रम में ये रहे मौजूद
कार्यक्रम का संचालन कुलसचिव प्रो एनके झा ने किया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन प्रति कुलपति प्रो गणेश कुमार महतो ने किया. इससे पूर्व कार्यक्रम का दीप प्रज्ज्वलन कर राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर, नालंदा विवि के कुलपति प्रो एके सिंह, पीपीयू कुलपति प्रो आरके सिंह, प्रति कुलपति प्रो गणेश कुमार महतो, राज्यपाल के प्रधान सचिव राबर्ट एल चोंग्थू, कुलसचिव प्रो एनके झा ने संयुक्त रूप से किया. इसके अलावा कार्यक्रम में पटना विवि कुलपति प्रो अजय कुमार सिंह, परीक्षा नियंत्रक डॉ मनोज कुमार, वित्त पदाधिकारी देव प्रकाश, पूर्व डीएसडब्ल्यू प्रो एके नाग, सिंडिकेट सदस्य प्रो राजेंद्र प्रसाद गुप्ता, नरेंद्र कुमार सिंह, अरुण कुमार सिंह, कॉलेज ऑफ कॉमर्स प्राचार्य प्रो इंद्रजीत राय, टीपीएस कॉलेज प्राचार्य प्रो उपेंद्र प्रसाद सिंह, जेडी प्राचार्य प्रो मीरा कुमारी, डॉ मधु प्रभा आदि मौजूद रहीं.
गोल्ड मेडलिस्ट बोले – कड़ी मेहनत ने दिलाई डिग्री व गोल्ड मेडल
पीपीयू में पहली बार पीएचडी की डिग्री मिली है. चार लोगों में एक मैं भी शामिल हूं. गर्व हो रहा है. – राधे श्याम, पीएचडी डिग्रीधारी
शिक्षा के क्षेत्र में करियर बनाना है. अभी बीएड कर रहा हूं. गोल्ड मेडल प्राप्त कर अच्छा लग रहा है. – ऋषभ राज, बॉटनी
रिसर्च के क्षेत्र में जाना है. अभी नेट-जेआरएफ की तैयारी जारी है. गर्व मेडल पाकर गर्व महसूस हो रहा है. – शिवानी आनंद, केमिस्ट्री
एनवायरमेंट साइंस के क्षेत्र में रिसर्च करना है. नेट-जेआरएफ की तैयारी है. पर्यावरण के क्षेत्र में रिसर्च की आवश्यकता है. – विजयालक्ष्मी, एनवायरमेंट साइंस
संस्कृत मेरा फेवरेट सब्जेक्ट है. नेट-जेआरएफ की तैयारी कर रही हूं. मैं संस्कृत पर शोध भी करूंगी. – पुतुल कुमारी, संस्कृत
अभी सीए प्रोफेशनल कर रही हूं. पीएचडी भी करना है. कॉमर्स से पढ़ाई पूरी हुई है. – सुरभि राज लक्ष्मी, कॉमर्स
अभी टेक्निकल कोर्स कर रहा हूं. शेयर बाजार में काम कर रहा हूं. आगे भी इसी में काम करूंगा. – नवल किशोर कुमार, इलेक्ट्रॉनिक्स
हिंदी में पीजी की हूं. हिंदी में काफी काम करना है. शोध करूंगी. शिक्षा के क्षेत्र में काम करना है. – निधि कुमारी, हिंदी
पीएचडी करना है. हिस्ट्री में काफी स्कोप है. नेट की तैयारी जारी है. सलोनी कुमारी, हिस्ट्री शिक्षा के क्षेत्र में करियर बनाना है. पीएचडी के लिए नेट की तैयारी जारी है. – सुमित भारती, पॉलिटिकल साइंस
मेरा टीआरइ थ्री में सलेक्शन हो गया है. शिक्षक के रूप में ज्वाइन करना है. मुझे पीएचडी भी करनी है. – राजीव रंजन, फिजिक्स
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