बिहार के राज्यपाल ने बताया विकसित भारत बनाने का फॉर्मूला, कहा- देश और समाज सेवा में मददगार होगी नई शिक्षा नीति
पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के तीसरे दीक्षांत समारोह में छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कहा कि वर्ष 2047 तक भारत को एक विकसित देश बनाने का लक्ष्य है. इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए युवाओं का भाग लेना जरूरी है.
बिहार के राज्यपाल सह कुलाधिपति राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने मंगलवार को पटना के श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में आयोजित पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के तीसरे दीक्षांत समारोह में भाग लिया. इस अवसर पर छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य व्यक्तिगत विकास है और व्यक्तिगत विकास से ही राष्ट्र का निर्माण होता है. व्यक्ति ऐसा होना चाहिए जो अपने साथ-साथ समाज और देश के बारे में भी सोचे. युवाओं को वर्ष 2047 तक भारत को एक विकसित देश बनाने के लक्ष्य को प्राप्त करने में भाग लेना चाहिए. उन्हें केवल अपने और अपने परिवार की सुख-सुविधा के लिए पैसा कमाने तक ही सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि उनके जीवन का उद्देश्य देश और समाज की सेवा करना होना चाहिए. बच्चों को ऐसी शिक्षा दी जानी चाहिए जो समाज के लिए उपयोगी हो और उन्हें अपनी मिट्टी से जोड़े रख सके. राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 इसमें सहायक है. नई शिक्षा नीति में इस बात पर जोर दिया जा रहा है कि हमारा मिट्टी से एक रिश्ता हो. हमारा लक्ष्य विकसित भारत बनाना है.
व्यक्तित्व, भाषा और चलन ही इंसान का आईना
राज्यपाल ने कहा कि बच्चों के सामने लक्ष्य और उद्देश्य निर्धारित नहीं है, हमें आज तय करना होगा कि हम आगे क्या करने वाले हैं. हम अपने नॉलेज से देश और समाज को क्या देने वाले हैं. उन्होंने कहा कि भविष्य में स्वर्ण पदक को कोई पूछने वाला नहीं है, आपका व्यक्तित्व, भाषा, चलन ही आपका आईना होगा.
आज के लिए करें काम, भविष्य की चिंता छोड़े
कुलाधिपति ने कहा कि आप जो कर रहे हैं वह वर्तमान के लिए करें, भविष्य की चिंता छोड़ वर्तमान और आज की चिंता करें. आज देश विकसित है या नहीं इस पर पूरे विश्व में चर्चा हो रही है. राज्यपाल ने कहा कि परिवार की देख भाल करने एवं इसके अन्य सदस्यों के जीवन को सहज एवं सुखी बनाने में गृहिणियों की अत्यन्त महत्वपूर्ण भूमिका होती है. यद्यपि वे अर्थोपार्जन नहीं कर पाती हैं, परन्तु उनके योगदान को जीडीपी के आकलन में शामिल किया जाना चाहिए.
दुनिया को बदलने का हथियार है शिक्षा
इस मौके पर राजस्थान टेक्निकल विश्वविद्यालय कोटा के कुलपति प्रो एसके सिंह ने कहा कि शिक्षा वह हथियार है जो दुनिया को बदलने की क्षमता रखता है. शिक्षा से हम समाज को नयी दिशा दे सकते हैं. शिक्षा रोजगार मूलक होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि नयी शिक्षा नीति सभी में स्किल विकसित कर रोजगार से जोड़ने की बात करता है. जो डिग्री लेकर देश व समाज सेवा में जुट कर विकसित भारत बनने में सहभागी बन सके.
पीपीयू के सभी सत्र नियमित
अतिथियों का स्वागत करते हुए पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो आरके सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय ने अपना सभी सत्र नियमित कर लिया है. यहां छात्रों को प्रवेश के समय ही पूरी एकेडमिक कैलेंडर की जानकारी उपलब्ध करायी जा रही है. विश्वविद्यालय शैक्षणिक के साथ-साथ खेलकूद गतिविधियों में भी आगे बढ़ रहा है. समारोह का संचालन कुलसचिव प्रो शालिनी ने किया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन प्रतिकुलपति प्रो गणेश महतो ने किया.
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पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय की ओर से स्नातकोत्तर नियमित सत्र 2021-23 के लिए दीक्षांत समारोह में छात्राओं का दबदबा रहा. विश्वविद्यालय की ओर से पीजी नियमित व व्यवसायिक कोर्स के 6000 से अधिक विद्यार्थियों की डिग्री दी गयी. इस वर्ष 28 टॉपरों में 21 छात्राएं शामिल है.
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कार्यक्रम में विश्वविद्यालय सेवा आयोग के अध्यक्ष प्रो गिरीश कुमार चौधरी, पीयू के कुलपति प्रो केसी सिन्हा, मगध विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो एसपी शाही, पूर्णिया विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो आरएन यादव, एमएमएच के कुलपति प्रो आलमगीर, मुंगेर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो श्यामा राय, तिलका मांझी विश्वविद्यालय भागलपुर के कुलपति प्रो जवाहर लाल, पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के डीन प्रो एके नाग, कुलानुशासक प्रो मनोज कुमार, कॉलेज ऑफ कॉमर्स आर्ट्स एंड साइंस के प्राचार्य प्रो इंद्रजीत प्रसाद राय, एएन कॉलेज के प्राचार्य प्रो प्रवीण कुमार, टीपीएस कॉलेज के प्राचार्य प्रो उपेंद्र कुमार के साथ विभिन्न कॉलेजों के प्राचार्य के साथ अन्य लोग शामिल थे.
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