पंचायत आम चुनाव में किये गये चुनाव सुधार कार्यक्रमों से अब बूथ लूट संभव नहीं होगा. देश में पहली बार बिहार में हो रहे पंचायत चुनाव में बायोमैट्रिक्स से मतदाताओं की उपस्थिति दर्ज की जायेगी. उनके आंखें की पुतली और अंगूठे की छाप को पहचान के तौर पर मतदान समाप्त होने तक सुरक्षित रखा जायेगा.
इससे किसी एक मतदाता के दूसरी बार वोट देने की संभावना पूरी तरह खत्म हो जायेगी. वहीं, मुखिया, वार्ड सदस्य, पंचायत समिति सदस्य और जिला परिषद (Zila Parishad) के सदस्यों के चुनाव में बैलेट पेपर की जगह इवीएम से वोट कराने से चुनावी गड़बड़ियों पर भी रोक जगेगी. राज्य निर्वाचन आयोग ने इस दिशा में ठोस पहल की है. जिसमें इवीएम (EVM) के माध्यम से चुनाव कराना प्रमुख है.
राज्य निर्वाचन आयोग के जानकारों का कहना है कि हर बूथ पर बायोमेट्रिक मशीन का उपयोग मतदान के लिए किया जायेगा. ऐसे में कोई मतदाता बिना बायोमेट्रिक मशीन (Biometric Machine) में अपनी अंगुली और आंख की पुतली की निशान से पहचान कराये बगैर जबरदस्ती मतदान करेगा तो वह स्वत: फर्जी साबित हो जायेगा. ऐसा करने से मतदान करनेवाले का कोई रिकार्ड पीठासीन पदाधिकारी के पास नहीं होगा. अगर बायोमेट्रिक से पहचान होती है तो दोबारा मतदान नहीं होगा.
वहीं कोई पर्दा या नकाब में एक बार मतदान करता है तो वह दूसरी बार मतदान करने पर आसानी से पकड़ा जा सकेगा. पंचायत चुनाव 2021 में इवीएम के प्रयोग होने से मतदान और मतगणना में भी आसानी होगी. कम समय में मतदान होगा और मतगणना का परिणाम भी जल्द मिल जायेगा. अभी से पहले मतगणना में प्रत्याशियों और मतगणना कर्मियों को 24 घंटे निरंतर काउंटिंग काम में जुटे रहना पड़ता था. अब मतदान के तीसरे दिन मतगणना का परिणाम मतदाताओं को मिल जायेगी.
Posted By : Avinish Kumar Mishra