पटना : बिहार में हरी सब्जियां गरीबों और आम लोगों की थाली से दूर हो रही है. हरी सब्जियां अब गली-मोहल्लों में स्टेटस सिंबल बन गया है. हरी सब्जियों के साथ-साथ चोखा और चटनी पर भी आफत आ गयी है. हरी सब्जी खरीदने मंडी जा रहे लोग कीमत सुन कर खाली झोला लेकर ही आ रहे हैं.
स्थिति यह हो गयी है कि सलाद और चोखा-चटनी खाने पर भी आफत आ गयी है. आलू, भिंडी, बैंगन, परवल, बोरो खाना भी आम लोगों के मुश्किल हो गया है. चोखा की सामग्री आलू और बैंगन की कीमत भी लोगों की पहुंच से दूर हो गयी है. चटनी के लिए धनिया की कीमत जहां आसमान छू रही है, वहीं, टमाटर की कीमत और लाल हो गयी है.
खुले बाजार में लाल आलू करीब 40 रुपये और सफेद आलू 34 रुपये प्रति किलो बिक रहा है. वहीं, बैंगन की कीमत राजधानी पटना के खुले बाजार में 60 रुपये तक पहुंच गयी है. परवल 80 रुपये किलो, फूलगोभी 40-50 रुपये पीस, बोरो 60 से 80 रुपये प्रति किलो, पत्तागोभी 50 रुपये और भिंडी 40 रुपये प्रति किलो बिक रहा है.
वहीं, आम लोगों की थाली से चोखा और चटनी भी नदारद हो रही है. चोखा के लिए जहां सफेद आलू 34 रुपये और लाल आलू 40 रुपये प्रति किलो बिक रहा है, वहीं बैंगन का दाम खुदरा बाजार में 60 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गया है. वहीं, सलाद के लिए खीरा जहां 40 रुपये प्रति किलो बिक रहा है, वहीं टमाटर और लाल हो गया है.
आम लोग टमाटर और धनिया की चटनी खूब पसंद करते हैं. खुदरा बाजार में जहां टमाटर की कीमत 80 रुपये प्रति किलो हो गया है, वहीं धनिया पत्ता की कीमत 200 रुपये प्रति किलो पहुंच गया है. चटनी में प्रयोग होनेवाली सामग्री की कीमत इतनी अधिक हो गयी है कि लोग केवल दाम पूछ कर छोड़ दे रहे हैं.