संवाददाता, पटना
पीएचइडी के आंकड़ों को देखें, तो पिछले दो वर्षों से गर्मी आते ही मई-जून मेें उत्तर बिहार के मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी , समस्तीपुर, मधुबनी और झंझारपुर के इलाकों में भी भूजल संकट दिखने लगता है. विभाग की ओर से मई में जारी रिपोर्ट में भी उत्तर बिहार की 692 पंचायतों के कई इलाकों में दो से पांच फुट तक भूजल का स्तर गिर गया है. इसे देख विभाग ने अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की है और इन इलाकों में निगरानी बढ़ाने का निर्देश दिया है. इस गर्मी में भी समस्तीपुर और मधुबनी सहित सभी इलाकों में पानी का स्तर दो से पांच फुट तक नीचे गया है. रिपोर्ट के अनुसार सीतामढ़ी की 110 पंचायतें, मुजफ्फरपुर 32, मोतीपुर 23, सीतामढ़ी 110, समस्तीपुर 302, मधुबनी पांच, झंझारपुर 22 व बेगूसराय 198 पंचायतों में भूजल में गिरावट हुई है. अधिकारियों को मिली जिम्मेदारी: पीएचइडी अधिकारियों को जिम्मेदारी बढ़ायी है. मई, जून और जुलाई तक इन्हें उत्तर बिहार के ऐसे सभी इलाकों का रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश दिया गया है, जहां भूजल में पहली बार गिरावट दर्ज की गयी है. वहीं, उन इलाकों में भी रिपोर्ट तैयार करनी है, जहां 2023 में भी भूजल में गिरावट दर्ज की गयी है. अधिकारियों की मानें, तो उत्तर बिहार में पानी में गिरावट दर्ज नहीं होती थी, पर पिछले साल समस्तीपुर और मधुबनी के कई इलाकों में भूजल में गिरावट होने के बाद अधिकारियों की टीम पहुंची थी, जहां नल जल योजना से पानी पहुंचाने का निर्देश दिया गया था.
दक्षिण बिहार में भी भूजल संकट
विभागीय रिपोर्ट में पाया गया है कि दक्षिण और मध्य बिहार की 1283 पंचायतों में भूजल का स्तर गिरा है, इन इलाकों में दो से 10 फुट तक जल स्तर नीचे गया है.
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