पटना सहित अन्य आठ जिलों में छह फुट तक भूजल स्तर गिरा

पीएचइडी ने कहा है कि अभी मई-जून की गर्मी बाकी है और अभी से ही भूजल में गिरावट होने लगी है.

By Prabhat Khabar News Desk | April 12, 2024 9:59 PM

पटना. बिहार के कई जिलों का भूजल स्तर अप्रैल में ही गिरने लगा है. इस दौरान पटना सहित लगभग आठ जिलों में भूजल स्तर दो से पांच फुट तक गिरा है. इसमें सबसे अधिक प्रभावित इलाका गया, जहानाबाद और औरंगाबाद है. इन जिलों में लगातार भूजल स्तर में गिरावट दर्ज की जा रही है.

इन जिलों में गिरा भूजल का स्तर

भागलपुर दो फुट चार इंच, जमुई तीन फुट, पटना दो फुट आठ इंच, बांका दो फुट सात इंच, लखीसराय एक फुट नौ इंच, कैमूर दो फुट, गया चार फुट नौ इंच, औरंगाबाद चार फुट, नालंदा तीन फुट छह इंच, जहानाबाद तीन फुट चार इंच और अरवल चार फुट भूजल के स्तर मेें गिरावट दर्ज की गयी है.

चापाकलों की बढ़ी निगरानी

बिहार में अप्रैल माह में भी भूजल में गिरावट को देखते हुए चापाकलों की निगरानी बढ़ा दी गयी है. पीएचइडी ने कहा है कि अभी मई-जून की गर्मी बाकी है और अभी से ही भूजल में गिरावट होने लगी है. इस कारण से जरूरी है कि सभी चापाकलों की निगरानी और मरम्मत की गति बढ़ा दी जाए. जहां भी चापाकल बंद हो रहे हैं या अभी से पानी छोड़ रहा है, तो उस चापाकल के पास जलापूर्ति की व्यवस्था कर ली जाए.

पशुओं के लिए भी पानी की हो रही है व्यवस्था की गयी

विभाग के आदेश पर पशुओं के लिए कैटल ट्रैफ की व्यवस्था की गयी है, जहां जानवर पानी पी सकें. विभाग ने पटना में 12, आरा सात, बक्सर नौ, कैमूर 18, गया 25, जहानाबाद आठ, नवादा 18, औरंगाबाद 12, मुंगेर चार, शेखपुरा 20, जमुई 15, भागलपुर 25, बांका 15, नालंदा 16, रोहतास 10, वैशाली एक, समस्तीपुर तीन, मुजफ्फरपुर पांच व दरभंगा में आठ ट्रैफ के माध्यम से जानवरों को पानी मिलेगा. यानी कुल 231 ट्रैफ में जानवरों पर नियमित पशुओं को पानी मिले, इसकी निगरानी का आदेश जिलों को दिया गया है.

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