कोरोनाकाल में भी बिहार की विकास दर रही बेहतर, कृषि और नौकरियों में दिखा ग्रोथ

देश-दुनिया में कोरोना संक्रमण की वजह से उत्पन्न हुए आर्थिक संकट और कारोबारी सुस्ती का बहुत ज्यादा असर बिहार की विकास दर में इस बार देखने को नहीं मिलेगा. मंद पड़ी अर्थव्यवस्था में भी बिहार की विकास दर इस बार 10 फीसदी के आसपास रहने के प्रबल आसार हैं. इस बार की आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट विधानमंडल में 20 फरवरी को सत्र शुरू होने के साथ ही पेश होगी, जिसमें राज्य की आर्थिक प्रदृश्य से संबंधित पूरी स्थिति स्पष्ट होगी.

By Prabhat Khabar News Desk | February 19, 2021 8:31 AM

देश-दुनिया में कोरोना संक्रमण की वजह से उत्पन्न हुए आर्थिक संकट और कारोबारी सुस्ती का बहुत ज्यादा असर बिहार की विकास दर में इस बार देखने को नहीं मिलेगा. मंद पड़ी अर्थव्यवस्था में भी बिहार की विकास दर इस बार 10 फीसदी के आसपास रहने के प्रबल आसार हैं. इस बार की आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट विधानमंडल में 20 फरवरी को सत्र शुरू होने के साथ ही पेश होगी, जिसमें राज्य की आर्थिक प्रदृश्य से संबंधित पूरी स्थिति स्पष्ट होगी.

राज्य का आर्थिक ग्रोथ दो अंक में ही रहने की मुख्य वजह राज्य के जीएसडीपी (राज्य सकल घरेलू उत्पाद) में अभी भी कृषि और सर्विस सेक्टर की भागीदारी ज्यादा होना है. हालांकि, यहां उद्योगों खासकर कृषि एवं प्रसंस्करण आधारित छोटे और मध्यम स्तरीय उद्योगों का ग्रोथ पिछले कुछ वर्षों की तुलना में तेजी से हुआ है. फिर भी इसका जीएसडीपी में योगदान अभी 20 प्रतिशत के आसपास ही है,जबकि सर्विस सेक्टर का योगदान 60 से 65 फीसदी के बीच है. इसमें भी बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है. विशेषकर सरकारी नौकरियों में भी ग्रोथ हुआ है.

राज्य का आर्थिक ग्रोथ दो अंक में ही रहने की मुख्य वजह राज्य के जीएसडीपी (राज्य सकल घरेलू उत्पाद) में अभी भी कृषि और सर्विस सेक्टर की भागीदारी ज्यादा होना है. हालांकि, यहां उद्योगों खासकर कृषि एवं प्रसंस्करण आधारित छोटे और मध्यम स्तरीय उद्योगों का ग्रोथ पिछले कुछ वर्षों की तुलना में तेजी से हुआ है. फिर भी इसका जीएसडीपी में योगदान अभी 20 प्रतिशत के आसपास ही है,जबकि सर्विस सेक्टर का योगदान 60 से 65 फीसदी के बीच है. इसमें भी बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है. विशेषकर सरकारी नौकरियों में भी ग्रोथ हुआ है.

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कोरोना काल में भी सरकारी सेक्टरों में नौकरियों ने लोगों को सबलता प्रदान की है और इस सेक्टर में किसी की नौकरी गयी नहीं है,बल्कि कई सेक्टरों में नयी नौकरियां मिली भी हैं. इसके अलावा कृषि सेक्टर का अभी भी जीएसडीपी में योगदान 10 से 12 प्रतिशत के आसपास है, जबकि देश के जीडीपी में कृषि का योगदान पांच प्रतिशत से भी कम है. इन प्रमुख कारणों से बिहार की विकास दर दो अंकों में रहने की पूरी संभावना है.

हालांकि, पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में इसमें कमी आयी है. पिछली बार राज्य की विकास दर स्थिर मूल्य पर 11.50 प्रतिशत और वर्तमान मूल्य पर 15 प्रतिशत दर्ज की गयी थी. इस बार स्थिर मूल्य पर यह 10 प्रतिशत के आसपास ही रहेगा. पिछली बार की तुलना में इसमें डेढ़ से पौने दो प्रतिशत की कमी आने की संभावना है.

वर्तमान में राज्य का सकल घरेलू उत्पाद लगभग सात लाख 25 हजार करोड़ रुपये है. पिछली बार राज्य का जीएसडीपी छह लाख 47 हजार करोड़ रुपये के आसपास ही था. वहीं, वर्तमान में देश की विकास दर कोरोना संक्रमण की वजह से काफी प्रभावित हुई है. अभी यह करीब साढ़े चार प्रतिशत है.

Posted By :Thakur Shaktilochan

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