GST collection in June Covid-19 lockdown पटना : जीएसटी की वर्षगांठ पर ‘कंपनी सेक्रेटरी आॅफ इंडिया’ के देश भर के सदस्यों को वर्चुअल माध्यम के जरिए पटना से संबोधित करते हुए बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने बुधवार को कहा कि कोरोना संक्रमण व लाॅकडाउन के कारण साल 2020-21 में 2 लाख 67 हजार करोड़ कम राजस्व संग्रह होने की संभावना है. राज्यों के राजस्व क्षति की भरपाई पर विचार के लिए केंद्र सरकार की ओर से इस महीने के तीसरे सप्ताह में एक बैठक हो सकती है.
सुशील मोदी ने कहा कि नरेंद्र मोदी की दृढ़ इच्छाशक्ति और अरुण जेटली नहीं होते तो जीएसटी को लागू करना मुश्किल था. इसके लागू होने से पूरे देश के राज्यों की सीमा से चेकपोस्ट समाप्त हो गये, एक देश, एक कानून, एक प्रकार की कर व्यवस्था, सारी प्रक्रिया आॅनलाइन कर मानवीय हस्तक्षेप को खत्म करने व भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने में मदद मिली. केंद्र और राज्यों के 16 विभिन्न करों व 15 तरह के सेस और सरचार्ज को समाहित कर जीएसटी लागू की गयी.
पहले दो वर्ष में जीएसटी की प्रगति अच्छी रही, मगर तीसरे वर्ष में आर्थिक मंदी के कारण राज्यों का राजस्व प्रभावित होने लगा. चौथे वर्ष में सबसे बड़ी चुनौती कोरोना संकट के कारण राजस्व संग्रह में आ रही कमी है. वित्तीय वर्ष के पहले दो महीने में पिछले वर्ष की तुलना में मात्र 45 फीसदी ही कर संग्रह हो पाया. पूरे वर्ष में अगर पिछले वर्ष की तुलना में 65 प्रतिशत भी कर संग्रह होता है तो राज्यों के राजस्व में 2 लाख 67 हजार करोड़ की कमी संभावित होगी.
राज्यों के राजस्व में 14 प्रतिशत से कम वृद्धि होने पर क्षतिपूर्ति का प्रावधान है. केन्द्र के राजस्व में भी कमी आयी है. ऐसे में केंद्र व राज्यों के सामने सबसे बड़ी चुनौती है कि लाॅकडाउन के कारण राजस्व की कमी की भरपाई कैसे की जाए. कोरोना संकट के दौरान टैक्स में वृद्धि करना भी उचित नहीं है. राज्यों ने केंद्र से कर्ज लेकर क्षतिपूर्ति का सुझाव दिया है जिसपर अगली बैठक में विचार हो सकती है.
Posted by Samir Kumar