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Guru Purnima: पटना में गुरु पूर्णिमा पर कई कार्यक्रम आयोजित, शास्त्रीय संगीत और गायन सुन मंत्रमुग्ध हुए श्रोता

पटना में गुरु पूर्णिमा के अवसर पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन हुआ. श्री शिरडी साईं मंदिर (गर्दनीबाग) में साईं बाबा का अभिषेक और विशेष पूजा हुई. आध्यात्मिक सत्संग समिति ने आचार्य डॉ चन्द्र भूषण मिश्र का सम्मान किया. पंडित सियाराम तिवारी स्मृति संगीत समिति ने शास्त्रीय संगीत गोष्ठी का आयोजन किया. महर्षि मेंहीं आश्रम में स्वामी वीरेन्द्र दास महाराज और अन्य संतों ने मोक्ष प्राप्ति पर प्रवचन दिया. यशस्वी भव ट्रस्ट ने पर्यावरण संरक्षण की थीम पर गुरु पूर्णिमा महोत्सव मनाया और ट्रांसजेंडर समुदाय को पौधे देकर हरित भारत अभियान की शुरुआत की.

Guru Purnima: गुरु पूर्णिमा पर रविवार को श्री शिरडी साईं मंदिर (गर्दनीबाग) की ओर से साईं बाबा का अभिषेक और विशेष पूजा हुई. इस मौके पर स्वास्थ्य जांच शिविर का आयोजन हुआ, जिसमें 500 से अधिक लोगों की जांच हुई. जांच के बाद जरूरतमंदों को मुफ्त में दवा भी दी गयी. इससे पहले मंदिर परिसर में सुबह 7 बजे साईं बाबा का मंगल स्नान, अभिषेक, साईं सच्चरित्र पाठ, आरती और विश्व कल्याणार्थ शांति पाठ, भजन व प्रसाद वितरण के साथ अंजली भी हुई. इसके बाद शाम में महाभंडारा का आयोजन हुआ, जिसमें उमड़े श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया. इस मौके पर पूर्व विधान पार्षद डॉ रणवीर नंदन, विधायक संजीव चौरसिया, मंत्री संतोष सिंह आदि मौजूद रहे.

आध्यात्मिक सत्संग समिति : आचार्यश्री को माल्यार्पण व तिलक लगा लिया आशीर्वाद

रविवार को लव-कुश टावर स्थित समिति सभागार में आध्यात्मिक सत्संग समिति की तरफ से गुरु पूर्णिमा महोत्सव का आयोजन किया गया. इस अवसर पर मुख्य वक्ता के रूप में शास्त्रोपासक आचार्य डॉ चन्द्र भूषण मिश्र को माल्यार्पण व दोशाला भेंट कर समिति के अध्यक्ष कमल नोपानी ने उनका स्वागत किया. गुरु पूर्णिमा के अवसर पर समिति के अध्यक्ष, कमल नोपानी आचार्यश्री को नमन वदन करते हुए उनके मार्गदर्शन व ज्ञान के लिए उनके प्रति आभार व्यक्त किया. साथ ही कार्यक्रम में पधारे सभी श्रद्धालुओं को गुरु पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएं दी. इस अवसर पर समिति के सदस्यों व श्रद्धालुओं ने गुरु-शिष्य परंपरा के अनुसार आचार्यश्री को माल्यार्पण व चंदन तिलक लगाकर उनका आशीर्वाद ग्रहण किया.

गुरु पूर्णिमा के अवसर पर मुख्य वक्ता, शास्त्रोपासक आचार्य डॉ चन्द्र भूषण मिश्र ने गुरु पूर्णिमा की महत्ता के बारे में बताया कि महर्षि वेद व्यास जिन्होंने महाभारत की रचना की थी उनका जन्म हुआ आज ही के दिन हुआ था. उन्होंने पहली बार मानव जाति को चारों वेदों का ज्ञान दिया था. मौके पर अध्यक्ष कमल नोपानी, जनार्दन राय, विष्णु सुरेका, गणेश खेतड़ीवाल, रमेश सुरेका, निर्मल झुनझुनवाला, सोनल छाया, अंजू मैतिन, राजेश बजाज आदि थे.

शास्त्रीय संगीत व गायन सुन श्रोता हुए मुग्ध  

पंडित सियाराम तिवारी स्मृति संगीत समिति (नाद-विस्तार) की ओर से संगीत के विभिन्न घरानों के गुरुओं का चरण-वंदन करने और लोगों को भारतीय संस्कृति से रूबरू कराने के लिए रविवार को शास्त्रीय संगीत गोष्ठी का आयोजन किया गया. बुद्धा कॉलोनी स्थित बीडी पब्लिक स्कूल में युवा पीढ़ी में गुरु-शिष्य परंपरा के निर्वाह का संदेश देने के लिए सम्मान समारोह का आयोजन किया गया.

इस अवसर पर मथुरा-डुमरांव-दरभंगा घराने के प्रसिद्ध ध्रुपद गायक और गुरु पंडित रघुवीर मल्लिक, दरभंगा घराने के ही चारों पट के गायक व गुरु विनोद कुमार पाठक, बेतिया घराने के ख्याल, टप्पा, ठुमरी गायक व गुरु डाॅ ओम प्रकाश नारायण और गया घराने के मृदंग वादक व गुरु आशुतोष उपाध्याय को सम्मानित किया गया. अपने गुरुओं के प्रति श्रद्धा समर्पित करने के लिए शिष्यों ने शास्त्रीय संगीत की शानदार प्रस्तुति देते हुए उन्हें सच्ची गुरु दक्षिणा दी.

संगीत गोष्ठी की शुरुआत आशुतोष उपाध्याय ने मंगलवाद्य मृदंग से किया. उन्होंने एकताल, चार-चार आदि तालों में ठेका, तोड़ा, टुकड़ा और विभिन्न लयकारी प्रस्तुति देते हुए लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया. वहीं दरभंगा घराने के युवा कलाकार व शिष्य कुमार वंश ने राग आसावरी में ध्रुपद गाकर अपने गुरुओं को संगीत सुमन अर्पित किया और उनका आशीर्वाद लिया. मौके पर समिति की सचिव और पंडित सियाराम तिवारी की पुत्री आशा पाठक ने इस गुरु पूजनोत्सव के आयोजन को सराहनीय कदम बताया.

जीवन में सच्चे संत सद्गुरु के बिना मोक्ष प्राप्ति की साधना संभव नहीं

महर्षि मेंहीं आश्रम (कंकड़बाग और बाबा शाही धाम, दानापुर) में गुरु पूर्णिमा महोत्सव का आयोजन श्रद्धा भक्ति के साथ किया गया. इस मौके पर कंकड़बाग आश्रम में स्वामी वीरेन्द्र दास महाराज ने कहा कि जीवन में सच्चे संत सद्गुरु के बिना मोक्ष प्राप्ति की साधना संभव नहीं. इसलिए गुरु पूर्णिमा के अवसर पर सभी भक्त गुरु का पूजन करते हैं. आयोजन में स्वामी प्रकाशानंद, संतलाल बाबा, चेतन बाबा का भी प्रवचन हुआ.

सत्संग में स्तुति प्रार्थना ध्यान के बाद श्री रामचरितमानस के प्रथम अध्याय बालकांड का पाठ अर्थ सहित करके स्वामी शिवानंद बाबा ने भक्तों को सुनाया गया. इसमें गुरु महिमा पर प्रकाश डाला गया और बताया गया कि गुरु नर रूप में हरि हैं. दूसरी तरफ बाबा शाही धाम, सरारी, दानापुर में स्वामी ओमानन्द महाराज ने प्रवचन करते हुए कहा कि दुनिया का कोई भी भक्त सच्चे मन से सदाचार और संयमित होकर पूरे निष्ठा से ध्यान – साधना करने लगे, तो उसपर सिद्ध संतों की कृपा बरसने लगेगी और दया मिलने लगेगी. स्वामी ओमानन्द महाराज ने कहा कि सद्गुरु की भक्ति और साधु संतों की कृपा के बिना कुछ भी आध्यात्मिक उन्नति संभव नहीं.

एकल होते समाज में गुरु की भूमिका महत्वपूर्ण : डॉ श्रीपति त्रिपाठी

यशस्वी भवन ट्रस्ट की ओर से पटना के दरोगा राय ट्रस्ट भवन में गुरु पूर्णिमा महोत्सव का सफल आयोजन किया गया. इस वर्ष आयोजन का थीम पर्यावरण संरक्षण रखा गया था. कार्यक्रम की शुरुआत वैदिक मंत्रोच्चार के साथ वृक्षारोपण कर किया गया. देव पूजनोपरांत गुरु पूजन का आयोजन किया गया. गुरु पूजन के दौरान प्रख्यात आध्यात्मिक गुरु और प्रसिद्ध ज्योतिर्विद डॉ श्रीपति त्रिपाठी ने देश- विदेश से आये अपने शिष्यों को आशीर्वाद दिया और जगत कल्याण की कामना की. डॉ श्रीपति त्रिपाठी ने शास्त्रों में गुरु के महत्व को बताते हुए कहा गया है कि गुरु बिना ठोर नहीं मिलता है. आज के इस युग में जब हम मन से अकेले होते जा रहे हैं एक अच्छे- गुरु की जरूरत बढ़ जाती है. गुरु जो आपका मार्गदर्शन तो करें ही, दुःख की घड़ी में आपके साथ खड़ा भी हो.

मौके पर ट्रांस जेंडर समुदाय के लोगों को चंदन, रुद्राक्ष और आंवला के पौधे आशीर्वाद स्वरूप देकर हरित भारत अभियान की शुरुआत भी की गयी. कार्यक्रम में गुरु के महत्व पर प्रकाश डालते हुए गुरु माता डॉ मनीषा ने कहा कि गुरु की जरूरत तो बच्चे के जन्म से ही प्रारंभ हो जाती है. बचपन में मां बच्चे की प्रथम गुरु बनती है. आगे चल कर शिक्षक और फिर आध्यात्मिक गुरु की जरूरत जीवन में प्रकाश भरने के लिए होती है.

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वैदिक संस्कृति से आयेगा बदलाव: गुरु रहमान

इस मौके पर शिक्षा मंत्री सुनील कुमार और पूर्व सांसद डॉ रामकृपाल यादव को अंगवस्त्र और स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया गया. वहीं कार्यक्रम में शिक्षाविद गुरु रहमान ने कहा कि भारत की संस्कृतियां काफी महान है. यहां की गुरु-शिष्य परंपरा बेमिसाल है. समाज में बदलाव गुरु वैदिक संस्कृति से ही आयेगा. कार्यक्रम में सांस्कृतिक कार्यक्रम के तहत भजन और भक्ति गीतों की प्रस्तुति हुई. भोजपुरी के प्रसिद्ध गायक छोटू छलिया, नेहा निष्ठा और उनकी टीम ने भक्ति गीतों से समां बांध दिया.

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