एकल होते समाज में गुरु की भूमिका महत्वपूर्ण : डॉ श्रीपति त्रिपाठी
यशस्वी भव ट्रस्ट की ओर से पटना के दरोगा राय ट्रस्ट भवन में गुरु पूर्णिमा महोत्सव का सफल आयोजन किया गया. इस वर्ष आयोजन का थीम पर्यावरण संरक्षण रखा गया था.
संवाददाता, पटनायशस्वी भव ट्रस्ट की ओर से पटना के दरोगा राय ट्रस्ट भवन में गुरु पूर्णिमा महोत्सव का सफल आयोजन किया गया. इस वर्ष आयोजन का थीम पर्यावरण संरक्षण रखा गया था. कार्यक्रम की शुरुआत वैदिक मंत्रोच्चार के साथ वृक्षारोपण कर किया गया. देव पूजनोपरांत गुरु पूजन का आयोजन किया गया. गुरु पूजन के दौरान प्रख्यात आध्यात्मिक गुरु और प्रसिद्ध ज्योतिर्विद डॉ श्रीपति त्रिपाठी ने देश- विदेश से आये अपने शिष्यों को आशीर्वाद दिया और जगत कल्याण की कामना की. डॉ श्रीपति त्रिपाठी ने शास्त्रों में गुरु के महत्व को बताते हुए कहा गया है कि गुरु बिना ठोर नहीं मिलता है. आज के इस युग में जब हम मन से अकेले होते जा रहे हैं एक अच्छे- गुरु की जरूरत बढ़ जाती है. गुरु जो आपका मार्गदर्शन तो करें ही, दुःख की घड़ी में आपके साथ खड़ा भी हो. मौके पर ट्रांस जेंडर समुदाय के लोगों को चंदन, रुद्राक्ष और आंवला के पौधे आशीर्वाद स्वरूप देकर हरित भारत अभियान की शुरुआत भी की गयी. कार्यक्रम में गुरु के महत्व पर प्रकाश डालते हुए गुरु माता डॉ मनीषा ने कहा कि गुरु की जरूरत तो बच्चे के जन्म से ही प्रारंभ हो जाती है. बचपन में मां बच्चे की प्रथम गुरु बनती है. आगे चल कर शिक्षक और फिर आध्यात्मिक गुरु की जरूरत जीवन में प्रकाश भरने के लिए होती है.
वैदिक संस्कृति से आयेगा बदलाव: गुरु रहमान
इस मौके पर शिक्षा मंत्री सुनील कुमार और पूर्व सांसद डॉ रामकृपाल यादव को अंगवस्त्र और स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया गया. वहीं कार्यक्रम में शिक्षाविद गुरु रहमान ने कहा कि भारत की संस्कृतियां काफी महान है. यहां की गुरु-शिष्य परंपरा बेमिसाल है. समाज में बदलाव गुरु वैदिक संस्कृति से ही आयेगा. कार्यक्रम में सांस्कृतिक कार्यक्रम के तहत भजन और भक्ति गीतों की प्रस्तुति हुई. भोजपुरी के प्रसिद्ध गायक छोटू छलिया, नेहा निष्ठा और उनकी टीम ने भक्ति गीतों से समां बांध दिया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है