बिहार में 10 प्रतिशत से भी कम ज्वेलर्स के पास है हॉलमार्क का रजिस्ट्रेशन, जानिए क्या है नियम
हॉलमार्क ज्वेलरी में सोने की शुद्धता की पहचान है. हॉलमार्क यूनिक आइडेंटिटी नंबर एचयूआइडी नंबर मिलने पर इसकी प्रमाणिकता और बढ़ जाती है. एचयूआइडी से ज्वेलरी के निर्माण की तारीख, दुकान की तारीख, शुद्धता के साथ ही ज्वेलरी की सारी डिटेल सामने आ जाती है.
पटना. राज्य में सोना-चांदी के आभूषणों का बड़ा कारोबार है. फिलहाल राज्य के 15 जिले में हॉलमार्क अनिवार्यता है. राज्य में 35 हजार से अधिक ज्वेलर्स हैं, जो आभूषणों की खरीदी-बिक्री करते हैं. लेकिन पिछले 18 माह में सोने के लिए हॉलमार्क रजिस्ट्रेशन कराने वाले वालों की संख्या सिर्फ 3360 है. यानी बाकी बिना हॉलमार्क के सोने के आभूषण बेच रहे हैं. पटना में आठ हजार से अधिक ज्वेलर्स हैं, जिनमें सिर्फ 786 ने हॉलमार्क रजिस्ट्रेशन कराया है. इस तरह देखा जाये तो राज्य में 10 फीसदी से भी कम ज्वेलर्स के पास हॉलमार्क के लाइसेंस हैं. यही हाल पटना का भी है. हालांकि 40 लाख रुपये तक सालाना कारोबार वाले ज्वेलर्स को हॉलमार्क रजिस्ट्रेशन से छूट है.
हॉलमार्क सोने की शुद्धता की पहचान
हॉलमार्क ज्वेलरी में सोने की शुद्धता की पहचान है. हॉलमार्क यूनिक आइडेंटिटी नंबर एचयूआइडी नंबर मिलने पर इसकी प्रमाणिकता और बढ़ जाती है. एचयूआइडी से ज्वेलरी के निर्माण की तारीख, दुकान की तारीख, शुद्धता के साथ ही ज्वेलरी की सारी डिटेल सामने आ जाती है. इसका सीधा फायदा ग्राहकों को होता है.
नहीं हो पाती है नियमित जांच
सूबे में भारतीय मानक ब्यूरो (बीआइएस) की ओर से कम संख्या में सैंपल जांच होती है. ऐसे में विक्रेता गड़बड़ी कर देता है. उसका नुकसान ग्राहक को होता है. उसे पता नहीं होता है कि उसे शुद्ध सोना मिल पा रहा है या नहीं, क्योंकि बीच में कुछ जगहों पर फर्जी सील और मार्किंग की सूचना भी सामने आयी थी.
कारोबारियों के बीच भी विवाद
कारोबारियों की मानें तो शुद्ध और प्रमाणिक ज्वेलरी के लिए हॉलमार्क की अनिवार्यता होने के बाद भी जिले में रजिस्ट्रेशन कराने वालों की संख्या सीमित है. यह ग्राहक और कारोबारी दोनों के लिए ठीक नहीं है. बाजार में भी इसका फर्क पड़ता है. व्यापारियों के बीच दूरी बढ़ रही है, जिनके रजिस्ट्रेशन हो चुके हैं वे बिना हॉलमार्क के चल रहे ज्वेलर्स को लेकर परेशान हैं. इससे विवाद भी हो रहे हैं.
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पाटलिपुत्र सर्राफा संघ के अध्यक्ष विनोद कुमार कहते हैं कि हम लगातार कारोबारियों को हॉलमार्क के रजिस्ट्रेशन के लिए प्रेरित करते हैं. इसका फायदा उन्हें और ग्राहक दोनों को होता है. हॉलमार्क रजिस्ट्रेशन के लिए ज्वेलर्स के बीच लगातार जागरूकता कार्यक्रम चलाये जाते हैं. इसके बावजूद रजिस्ट्रेशन कराने वाले ज्वेलर्स की संख्या काफी कम है.
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बीआइएस पटना के प्रमुख एसके सुमन का कहना है कि हॉलमार्क ज्वेलरी की शुद्धता का प्रमाण होता है. ग्राहकों को अब ऐसी ही ज्वेलरी खरीदनी चाहिए. पटना सहित अन्य जिलों में ज्वेलर्स को रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है. पटना में 786 ज्वेलर्स ने रजिस्ट्रेशन कराया है.
कहां कितने हॉलमार्क रजिस्ट्रेशन
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जिला-रजिस्ट्रेशन
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पटना- 786
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मुजफ्फरपुर- 221
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दरभंगा- 191
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रोहतास – 163
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सारण – 154
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समस्तीपुर – 152
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बेगूसराय – 138
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भागलपुर – 117
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गया- 113
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नालंदा – 107
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मुंगेर- 105
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औरंगाबाद – 102
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भोजपुर – 92
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वैशाली – 91
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सीतामढ़ी -90
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सीवान – 56
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मधुबनी – 55
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कटिहार- 49
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पूर्णिया 48
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पूर्वी चंपारण – 44
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गोपालगंज – 41
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बक्सर – 34
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खगड़िया – 29
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शेखपुरा- 29
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लखीसराय – 27
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पश्चिम चंपारण – 26
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अररिया- 24
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बांका – 22
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मधेपुरा- 16
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कैमूर – 14
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किशनगंज – 13
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जहानाबाद – 10
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जमुई – 08
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सुपौल – 007
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अरवल – 05
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शिवहर – 04