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Happy Teacher’s Day 2024: उन गुरुओं को नमन, जिसने जीवन सफल बनाया

Happy Teacher Day शिक्षक दिवस पर बिहार के अधिकारियों ने अपने गुरुओं को याद किया और अपने उन शिक्षकों के बारे में बताया कि जो उनके शिक्षक मार्गदर्शक रहे और हाथ पकड़ कर उन्हें चीजों को सिखाया. आज उन्हीं शिक्षकों के मार्गदर्शन के कारण ही मैं एक मुकाम पर पहुंचा हूं.

Happy Teacher Day भारत में हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाने का कारण डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के महान व्यक्तित्व और उनके शिक्षण के प्रति समर्पण में निहित है. यह दिन न केवल शिक्षकों के प्रति सम्मान व्यक्त करने का अवसर है, बल्कि यह हमें शिक्षा की महत्ता और शिक्षक के योगदान को समझने का भी मौका देता है. शिक्षक दिवस के इस अवसर पर अधिकारियों ने बताया कि सफल जीवन में अपने उन शिक्षकों के बारे में बताया कि जो उनके शिक्षक मार्गदर्शक रहे और हाथ पकड़ कर उन्हें चीजों को सिखाया. आज उन्हीं शिक्षकों के मार्गदर्शन में एक मुकाम पर पहुंचे.

1. गुरु ही हमें सही और गलत का अंतर सिखाते हैं

शिक्षक समाज की रीढ़ होते हैं. वे हमारे जीवन के पहले गुरु होते हैं, जो हमें केवल पाठ्यक्रम का ज्ञान ही नहीं, बल्कि जीवन की सच्ची शिक्षा भी देते हैं. वे हमें सही और गलत का अंतर सिखाते हैं. वह हमें प्रेरित करते हैं. हमारे सपनों को पूरा करने के लिए मार्गदर्शन करते हैं. उनका समर्पण और मेहनत ही हमारे भविष्य की नींव है. हमारे शिक्षकों का योगदान अमूल्य है. हमारे शिक्षक शिक्षा से हर दिन हमें जीवन की महत्वपूर्ण बातें सिखाते हैं. इस विशेष दिन पर हम सभी अपने शिक्षकों के प्रति धन्यवाद और सम्मान व्यक्त करें. संजय सिंह, अपर पुलिस महानिदेशक, बिहार पुलिस

2. खुद की अलग पहचान बनाने की शिक्षक बरखु राम से प्रेरणा मिली

डीएम डॉ चंद्रशेखर सिंह ने कहा कि प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक बरखु राम से जीवन में बेहतर करने व खुद की अलग पहचान बनाने की प्रेरणा मिली.उनका काफी स्नेह मिला जो मेरे लिए मार्गदर्शक बना हुआ है.उनकी प्रेरणा ने मेरी पढ़ाई के साथ व्यक्तित्व पर काफी गहरा प्रभाव डाला. प्राथमिक विद्यालय गंजौर आजमगढ़ यूपी के शिक्षक बरखु राम अच्छा पढ़ाने के साथ छात्रों को मोटिवेट भी करते थे. वे सरल, सहज व सज्जन व्यक्ति थे. समय से स्कूल आते थे. यह सब देख कर उनसे अनुशासित जीवन की सीख मिली. पिछले साल उनसे मिला था. अक्सर वे याद आते हैं. समय-समय पर बात भी करते हैं.डॉ चंद्रशेखर सिंह, डीएम

3. मेरे आदर्श रहे हैं डॉ ब्रह्मानंद प्रताप सिंह डीआइजी सह एसएसपी पटना राजीव मिश्रा ने कहा कि यूपी के प्रतापगढ़ जिला में स्थित प्रताप बहादुर पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज के प्रोफेसर डॉ ब्रह्मानंद प्रताप सिंह आदर्श रहे हैं. वे उस कॉलेज में पीजी की पढ़ाई कर रहे थे. इस दौरान ही उनके सरल व सिद्धांतवादी व्यक्तित्व से काफी प्रभावित हुए. डॉ ब्रह्मानंद पॉलिटिकल साइंस पढ़ाते थे और वे उनकी एक भी क्लास को मिस नहीं करते थे. पढ़ाने के प्रति उनकी रुचि अद्वितीय थी और अपने सिद्धांतों से उन्होंने कभी समझौता नहीं किया. ऐसा व्यक्तित्व बिरले लोगों में ही होती है. जिसके कारण वे मेरे आदर्श बन गये. वे अभी भी मेरे गुरु हैं. आगे बढ़ने में वे मेरे लिए प्रेरणादायक भी रहे हैं. राजीव मिश्रा, डीआइजी सह एसएसपी पटना

4. शिक्षक बिंदेश्वरी प्रसाद का मेरे व्यक्तित्व पर बहुत अधिक प्रभाव रहा

शिक्षक का छात्र के व्यक्तित्व निर्माण में बहुत महत्वपूर्ण योगदान होता है. बचपन के शिक्षकों की भूमिका तो सबसे अधिक महत्वपूर्ण होती है क्योंकि बाल मन पर उसका बहुत अधिक प्रभाव पड़ता है. मेरे व्यक्तित्व पर भी मेरे बचपन के शिक्षक बिंदेश्वरी प्रसाद का बहुत अधिक प्रभाव रहा. वे उस प्राथमिक स्कूल के प्रधानाध्यापक थे जिसमें मैंने बचपन में पढ़ाई की थी. वे जितने योग्य, उतने ही कर्मठ भी थे. वे रविवार को भी क्लास लेते थे और यदि किसी बच्चे का कुछ छूट जाता था जो उसे दोबारा बताते थे. दुर्भाग्य से मेरे सेवा में आने से पहले ही उनका निधन हो गया अन्यथा मेरी सफलता को देखकर उन्हें बहुत खुशी होती. मुझसे हमेशा उनका विशेष स्नेह रहा. अनिमेष कुमार पराशर, नगर आयुक्त

5. जो भी किया है शिक्षकों के योगदान का ही असर

छात्र जीवन से ही अनुशासन में रहकर पढ़ाई किया और हमेशा शिक्षकों का सम्मान किया. यही वजह है कि स्कूली शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा में बेहतर कर पाया. मैंने अपने जो भी थोड़ी बहुत उपलब्धि हासिल की है उसमें शिक्षकों का बहुत ही योगदान रहा है जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता है. शिक्षक दिवस पर मैं अपने सभी शिक्षकों का आभार व्यक्त करता हूं. शिक्षक अगर शिक्षा को प्रसारित करते रहने के मोड में रहेंगे तभी विद्यार्थियों में भी गुणात्मक शिक्षा का विकास होगा. विद्यार्थियों के भविष्य को संवारने की सबसे बड़ी जिम्मेदारी शिक्षकों की होती है. शिक्षक अपने कर्तव्यों का निवर्हन इमानदारीपूवर्क करते हैं तो शिक्षा के क्षेत्र में सुधार हो सकता है. प्रो अजय कुमार सिंह, कुलपति, पटना विश्वविद्यालय

6. शिक्षक जय नारायण पाणिग्रही मेरे सफल जीवन में मार्गदर्शक रहेशिक्षक ही वे मार्गदर्शक होते हैं, जो हमें सही दिशा दिखाते हैं. हमारे ज्ञान को बढ़ाने का काम करते हैं. हमें जीवन के कठिन मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करते हैं. उनकी मेहनत का फल हम अपने जीवन में पाते हैं. यही वजह है कि वे हमारे जीवन में माता-पिता के साथ-साथ सबसे अधिक महत्व रखते हैं. उनका योगदान अमूल्य है. मेरी पढ़ाई ओडिशा के दहामुंडा हाईस्कूल में क्लास 8 से 11 तक हुई. जहां मेरे प्रिय शिक्षक जय नारायण पाणिग्रही थे. मेरे सफल जीवन में एक मार्गदर्शक रहे. हम उनका सम्मान करते हैं. आज इस अवसर पर मैं गुरु के साथ-साथ पटना एम्स के सभी शिक्षकों को धन्यवाद देना चाहता हूं. डॉ जीके पाल, निदेशक, पटना एम्स

7. शिक्षक डॉ मृणाल आनंद के मार्गदर्शन में मिली कामयाबी

समाज निर्माण में शिक्षक की एक महत्वपूर्ण भूमिका होती है. जो बच्चों को जीवन में आने वाली चुनौतियों से लड़ना सिखाते हैं. साथ ही भविष्य के बेहतर निर्माण की प्रेरणा देते हैं. मेरे शिक्षक डॉ मृणाल आनंद हैं. जो आइजीआइएमएस के विभागाध्यक्ष भी रह चुके हैं और वर्तमान में यूके में हैं. डॉ मृणाल आनंद ऐसे शिक्षक थे जो मेरा हाथ पकड़ कर नेत्र रोग से संबंधित एक-एक चीजों को सिखाया है. उनके मार्गदर्शन में रहकर मुझे कामयाबी मिली. जब मैं 2004-05 में संस्थान में बतौर सीनियर रेजिडेंट आया था तो उन्होंने मुझे मार्गदर्शन दिया. उसूल के पक्के और बहुत ही अच्छे शिक्षक थे. यही वजह है कि आज भी हम सबके वह आर्दश बने हैं.डॉ विभूति प्रसन्न सिन्हा, उपनिदेशक, आइजीआइएमएस.

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