Harsh Firing: बिहार में कम हुआ हर्ष फायरिंग का चलन,पहली छमाही से 52 फीसदी कम मामले दर्ज

Harsh Firing: बिहार में 2023 की पहली छमाही यानि जनवरी से जून के मुकाबले 2024 के पहले पांच महीने में हर्ष फायरिंग की 52 फीसदी कम घटनाएं दर्ज की गयी हैं.

By Ashish Jha | July 16, 2024 1:27 PM

Harsh Firing: पटना. बिहार में हर्ष फायरिंग के मामलों में पुलिस की सख्ती को देखते हुए इन घटनाओं में कमी आयी है. बिहार पुलिस मुख्यालय को जिलों से प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक 2024 की पहले पांच महीने यानि जनवरी से मई तक राज्य में हर्ष फायरिंग के 33 मामले दर्ज हुए हैं. यह मामले 15 पुलिस जिलों में दर्ज हुए. 44 में से शेष 29 पुलिस जिलों से हर्ष फायरिंग का एक भी मामला सामने नहीं आया. 2023 की पहली छमाही यानि जनवरी से जून के मुकाबले 2024 के पहले पांच महीने में हर्ष फायरिंग की 52 फीसदी कम घटनाएं दर्ज की गयी हैं.

पिछले साल गयीं थी 17 लोगों की जान

2023 की प्रथम छमाही में हर्ष फायरिंग की कुल 68 घटनाएं दर्ज की गयी थीं, जिसमें 17 व्यक्तियों की मृत्यु और 30 व्यक्ति घायल हुए थे. इस दौरान कुल 87 लोगों को गिरफ्तार किया गया था. वहीं, 2024 में हर्ष फायरिंग से मरने वालों की संख्या करीब 71 फीसदी जबकि घायलों की संख्या 80 फीसदी तक घटी है. यानि इसके चलते पांच लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी, वहीं छह लोग घायल हुए.

29 जिलों से नहीं आया एक भी मामला

आंकड़ों के मुताबिक 2024 के मई माह तक राज्य के 44 पुलिस जिलों में से 29 जिलों में हर्ष फायरिंग से जुड़ी घटनाएं शून्य रहीं. 2023 में 21 जिलों से हर्ष फायरिंग से जुड़ा एक भी मामला नहीं आया था. 2023 में गया और भोजपुर जिले में अधिकतम 11 मामले दर्ज हुए, वहीं वर्ष 2024 के मई माह तक गया में एक और भोजपुर में दो मामला ही दर्ज हुआ. हर्ष फायरिंग के मामलों में जनवरी 2023 से मई 2024 तक कुल 132 व्यक्तियों को गिरफ्तार कर विधिसम्मत कार्रवाई की गयी है.

पुलिस ने की त्वरित कार्रवाई

बिहार पुलिस मुख्यालय के मुताबिक हर्ष फायरिंग की घटनाओं के विरुद्ध उठाये गये कड़े कदम की वजह से ऐसे मामलों में गिरावट दर्ज की गयी है. पिछले साल ही हर्ष फायरिंग के लिए एसओपी (मानक संचालन प्रक्रिया) निर्धारित करते हुए सभी जिलों को इसका अनुपालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया था. बिहार पुलिस के सोशल मीडिया सेंटर के माध्यम से भी हर्ष फायरिंग और हथियारों का प्रदर्शन करने वालों पर कार्रवाई की जा रही है.

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सोशल मीडिया पर रही नजर

सोशल मीडिया पर दहशत और अपनी दबंगई दिखाने के उद्देश्य से कुछ युवा रील या वीडियो के माध्यम से अवैध हथियार का प्रदर्शन करते हैं. ऐसी पोस्ट को तत्काल संबंधित जिले से साझा किया जाता है. बीते तीन माह में सिवान, गोपालगंज और सहरसा जिले में हथियार प्रदर्शन कर सोशल मीडिया पर दहशत फैलाना वाले तीन व्यक्तियों के विरुद्ध कांड दर्ज कर दंडात्मक कार्रवाई सुनिश्चित की गयी है.

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