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पथ निर्माण विभाग के पुलों का बनेगा हेल्थ कार्ड : विजय सिन्हा

उपमुख्यमंत्री सह पथ निर्माण मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा है कि राज्य में विभाग के अंतर्गत बने पुलों की स्वतंत्र एजेंसी से जांच यानी ऑडिट कराकर हेल्थ कार्ड बनाया जायेगा.

संवाददाता, पटना उपमुख्यमंत्री सह पथ निर्माण मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा है कि राज्य में विभाग के अंतर्गत बने पुलों की स्वतंत्र एजेंसी से जांच यानी ऑडिट कराकर हेल्थ कार्ड बनाया जायेगा. इससे पुलों की वास्तविक स्थिति की जानकारी मिलेगी. वर्तमान में पथ निर्माण विभाग में कोई पुल रखरखाव नीति नहीं है और न ही अभियंताओं का कर्तव्य व उत्तरदायित्व स्पष्ट रूप से निर्धारित है. उन्होंने कहा कि विभागीय पदाधिकारियों को पुलों के रखरखाव की नीति तैयार करने का निर्देश दिया है. इसके साथ ही अभियंताओं के कर्तव्य और दायित्व भी निर्धारित किये जायेंगे. उपमुख्यमंत्री ने यह बातें शनिवार को पुल संधारण नीति सहित अभियंताओं के कर्तव्य व उत्तरदायित्व निर्धारण पर उच्चस्तरीय बैठक में कहीं. इसका आयोजन विभागीय सभाकक्ष में किया गया था. इससे पहले विभागीय पदाधिकारियों ने इस संबंध में एक विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया. मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में आमजनों को सुगम यातायात उपलब्ध कराना हमारी प्राथमिकता है. विभाग इस दिशा में प्रयासरत है. उपमुख्यमंत्री ने कहा कि पुल संरचना के संपूर्ण जीवनकाल के दौरान दो चरणों में इनके प्रबंधनऔर रखरखाव पर विचार किया जा रहा है. पुलों को चार भागों में बांटा गया है. पहले भाग में 1000 मीटर से लंबे पुल, दूसरे भाग में 250-1000 मीटर लंबे पुल, तीसरे भाग में 60-250 मीटर और चौथे भाग में 60 मीटर से छोटे पुलों को रखा गया है. उन्होंने कहा कि पुलों के प्रमुख घटकों के वास्तविक स्थिति को दर्शाने के लिए पुलों का एक हेल्थ कार्ड भी बनाया जायेगा. उनकी सुरक्षा के मानक तैयार किये जायेंगे. अतिसंवेदनशील पुलों की प्राथमिकता के आधार पर मरम्मति होगी. साथ ही जरूरत के अनुसार निर्माण होगा. पुलों की वास्तविक स्थिति पता लगाने के लिए होगा नई तकनीकों का प्रयोग पुलों के प्रबंधन के लिए पुलों के वास्तविक स्थिति का आकलन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, सेंसर डाटा रिपोर्ट जैसी नई तकनीकों के माध्यम से किया जाएगा. उपमुख्यमंत्री ने कहा कि पुलों के निर्माण और रखरखाव को तय सीमा में पूरा करने के लिए अभियंताओं के कर्तव्यों और दायित्वों का निर्धारण भी किया जा रहा है. परियोजनाओं में विलंब के कारण समय वृद्धि और लागत मूल्य में वृद्धि भी होती है. इसे गंभीरता से लेते हुए जिम्मेदारी निर्धारित की जायेगी. उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष राज्य के कई जिलों में बाढ़ के समय वर्षों पूर्व निर्मित कई छोटे पुल क्षतिग्रस्त हुए हैं. इसे देखते हुए पुल मेंटेनेंस नीति लागू किया जाना अत्यंत आवश्यक हो गया है.

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