एचएमपीवी से बचाव और प्रबंधन के लिए अलर्ट मोड पर स्वास्थ्य विभाग

स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा है कि ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) संक्रमण को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड में है.

By Prabhat Khabar News Desk | January 8, 2025 12:50 AM

संवाददाता, पटना स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा है कि ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) संक्रमण को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड में है. इससे सतर्कता बरतने और इसके प्रभावी प्रबंधन के लिए स्वास्थ्य विभाग ने दिशा-निर्देश जारी कर दिया है. उन्होंने बताया कि एचएमपीवी एक सामान्य सांस में होनेवाला संक्रमण है, जिसके लक्षण कोविड-19 से मिलते-जुलते हैं. वर्ष 2024 में मलेशिया में एचएमपीवी के 327 मामले सामने आये थे जबकि भारत में दिसंबर 2024 में गंभीर श्वसन संक्रमण (सारी) के 714 मामलों में से नौ मामलों की पुष्टि एचएमपीवी के रूप में हुई. एचएमपीवी से बचाव के लिए कोविड-19 जैसे प्रोटोकॉल का पालन करना आवश्यक है. इसमें नियमित रूप से हाथ धोना, खांसते-छींकते समय मुंह ढकना, संक्रमित व्यक्तियों से दूरी बनाए रखना और उनकी उपयोग की वस्तुओं को साफ रखना है. सांस की तकलीफ हो तो तुरंत अस्पताल जाएं श्री पांडेय ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग ने सभी अस्पतालों को निर्देश दिया है कि वे इन्फ्लूएंजा जैसे रोग (आइएलआइ) और गंभीर श्वसन संक्रमण की नियमित निगरानी करें. इसे प्रतिदिन स्वास्थ्य पोर्टल पर रिपोर्ट करें. अस्पतालों में फ्लू कॉर्नर को सक्रिय करने, स्वास्थ्यकर्मियों को एचएमपीवी से बचाव और प्रबंधन पर प्रशिक्षित करने का भी निर्देश दिया गया है. संक्रमण नियंत्रण प्रक्रियाओं को सख्ती से लागू करने को कहा गया है. अगर इससे संभावित खतरा पैदा होता है तो उसको कम करने के लिए कोविड-19 से संबंधित दवाओं, किट, वेंटिलेटर और ऑक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है. श्री पांडेय ने कहा कि सांस की तकलीफ संबंधी लक्षण दिखने पर तुरंत नजदीकी अस्पताल से संपर्क करें. एचएमपीवी संक्रमण से पैनिक न हों डीएम डॉ चंद्रशेखर सिंह ने लोगों से एचएमपीवी बीमारी से बचाव के लिए सरकार के हेल्थ एडवायजरी का पालन करने का आह्वान किया है. उन्होंने कहा कि लोगों को पैनिक होने की कोई आवश्यकता नहीं है. मानकों के अनुसार जिला प्रशासन द्वारा तैयारी की गयी है. डीएम ने सिविल सर्जन को श्वसन-तंत्र व बुखार के मरीजों के समुचित उपचार के लिए अस्पतालों का बेहतर ढंग से संचालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है. जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों द्वारा प्रतिदिन रिपोर्ट करनी है. सिविल सर्जन को कोविड-19 से संबंधित दवा, किट, वेंटिलेटर, ऑक्सीजन मास्क आदि की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है. एनएमसीएच में मरीजों के लिए 10 बेड आरक्षित पटना सिटी. नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में स्वास्थ्य विभाग के निर्देश के बाद ह्यूमन मेटापनीमो वायरस यानी एचएमपीवी वायरस मरीजों के लिए अस्पताल प्रशासन की ओर से दस बेड आरक्षित किया गया है. अस्पताल की अधीक्षका डॉ अलका सिंह ने बताया कि बीमारी को लेकर पांच बेड मेडिसिन व पांच बेड शिशु रोग विभाग में आरक्षित किया गया है. अस्पतापल के माइक्रोबॉयोलॉजी विभाग में जांच की सुविधा है. ऐसे मरीज के आने पर आरटीपीसीआर से जांच की जायेगी. इसके बाद भी आवश्यकता पड़ने पर जांच के लिए मरीज का सैंपल पुणे स्थित लैब में भेजा जायेगा. बीमारी को लेकर सतर्कर्ता बरतने के लिए विभागाध्यक्षों को भी पत्र दिया गया है. सिविल सर्जन ने किया अलर्ट, सर्विलांस विभाग को दें सूचना पटना. चीन-मलेशिया के बाद भारत के गुजरात राज्य के अहमदाबाद व कर्नाटक के बेंगलुरू में कोरोना जैसे संक्रामक रेस्पिरेटरी वायरस ह्यूमन मेटान्यूमो वायरस (एचएमपीवी के दस्तक देते ही स्वास्थ्य विभाग सतर्क हो गया. पटना जिले के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी), अनुमंडलीय अस्पताल व सीएचसी अलर्ट जारी किया है. मंगलवार को जिले के सिविल सर्जन डॉ अविनाश कुमार सिंह ने जिले सभी पीएचसी समेत सरकारी ग्रामीण अस्पतालों में जांच, उपचार व बचाव के बारे में प्रभारियों को पत्र जारी किया है. पत्र के माध्यम से सिविल सर्जन ने कहा कि अगर कोई संदिग्ध मरीज आये, तो तुरंत इसकी जानकारी जिला सर्विलांस विभाग को दें. उन्होंने कहा कि कोरोना के बाद अब इस नये वायरस का खतरा मंडरा रहा है. इसको लेकर जिले के सभी अनुमंडल अस्पताल के साथ-साथ सीएचसी और पीएचसी प्रभारियों को भी सतर्कता बरतने को कहा गया है.

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