आनंद तिवारी, पटना: कोरोना के कारण बीते तीन वर्षों का समय स्वास्थ्य विभाग और सरकारी अस्पतालों के लिए काफी चुनौती पूर्ण रहा. वहीं, कोरोना की चुनौतियों ने स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार और इसे और मजबूत करने का मार्ग भी प्रशस्त किया. स्वास्थ्य विभाग ने राज्य के सबसे बड़े अस्पताल पीएमसीएच, आइजीआइएमएस, एनएमसीएच में ऑक्सीजन प्लांट को शुरू कर दिया है. दूसरी लहर की तरह तीसरी लहर में भी पीएमसीएच व एनएमसीएच में 110 बेड और आइजीआइएमएस में 500 व पटना एम्स में करीब 500 बेड की कोविड वार्ड की व्यवस्था की गयी थी.
गंगा पथ बन जाने से उत्तर व दक्षिण-पश्चिम बिहार से मरीजों का पीएमसीएच पहुंचना आसान हो गया है. साथ ही पीएमसीएच से गंभीर मरीजों को एम्स दीघा पहुंचने में भी महज 15 से 20 मिनट का समय लग रहा है.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ड्रीम प्रोजेक्ट पीएमसीएच को वर्ल्ड क्लास का हॉस्पिटल बनाने का काम तेज गति से चल रहा है. पुराने कैदी व कॉटेज वार्ड की जगह करीब 25 प्रतिशत तक काम हो गया है. इन जगहों पर 2250 बेड का नया हॉस्पिटल बन रहा है. नौ मंजिला इस नये अस्पताल की खासियत यह है अस्पताल की छत पर साल 2025 से पहले हेलीकॉप्टर से गंभीर मरीज उतरेंगे और फिर इनको वार्ड में शिफ्ट कर इलाज किया जायेगा. यहां 146 बेड का प्राइवेट वार्ड और 28 मॉड्यूलर ऑपरेशन थियेटर होंगे. इतना ही नहीं, मुख्यमंत्री और राज्यपाल के लिए अलग से दो स्पेशल लग्जरी रूम हमेशा रिजर्व रखे जायेंगे. मालूम हो कि पीएमसीएच में 5540 करोड़ रुपये बनने वाले इस अस्पताल में 5462 बेड होंगे.
13 अप्रैल, 2022 को आइजीआइएमएस में क्रिटकल केयर यूनिट की शुरुआत की गयी. आइजीआइएमएस बिहार, झारखंड व पश्चिम बंगाल का पहला अस्पताल हो गया है, जहां अलग से क्रिटकल केयर विभाग बनाया गया है. इसी प्रकार नेत्र रोग विभाग में करीब 80 लाख रुपये नयी झीस मशीन से रेटिना आधुनिक सर्जरी करने की सुविधा शुरू की गयी.
बीते 27 नवंबर को पटना एम्स अस्पताल में भी अब कॉर्निया ट्रांसप्लांट की सुविधा शुरू हो गयी है. स्टेट आर्गन टिश्यू ट्रांसप्लांट आर्गनाइजेशन (सोटो) और स्वास्थ्य विभाग ने ट्रांसप्लांट की अनुमति के बाद यह सुविधा शुरू की गयी है. कॉर्निया के लिए एम्स और पीएमसीएच के बीच करार पत्र पर हस्ताक्षर हुए थे,. जिससे पीएमसीएच से सरप्लस कॉर्निया एम्स को मिल सके. आइजीआइएमएस व पीएमसीएच यह सुविधा पहले से उपलब्ध है.
बेली रोड स्थित एलएनजेपी हड्डी अस्पताल में इस साल सिटी स्कैन की सुविधा शुरू की गयी. यहां यह सुविधा पीपीपी मोड में काफी कम दर पर यह सुविधा दी गयी है. हड्डी अस्पताल में 500 से 3000 रुपये तक में सिटी स्कैन किया जा रहा है.
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प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र के तहत शहर के छोटे सरकारी अस्पतालों में काउंटर खोले गये. इसमें शहर के गार्डिनर रोड अस्पताल, पटना सिटी के गुरुगोविंद सिंह यानी जीजीएस अस्पताल, एलएनजेपी और गर्दनीबाग अस्पताल में जेनरिक दवा दुकान खोली गयी, जहां 90 प्रतिशत तक कम दाम में दवाएं मरीजों को उपलब्ध करायी जा रही हैं.