पटना : बिहार के प्राइमरी स्कूलों में बड़े पैमाने पर शिक्षकों की होनेवाली बहाली के मामले पर सुनवाई पूरी कर पटना हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. जस्टिस अनिल कुमार उपाध्याय की एकलपीठ ने हरे राम कुमार व अन्य की ओर से इस संबंध में दायर याचिकाओं पर सुनवाई पूरी कर लिया.
अदालत में दायर इन याचिकाओं के माध्यम से राज्य सरकार के उस निर्णय को चुनौती दी गयी थी, जिसमें डीएलएड उम्मीदवारों को बहाली में प्राथमिकता देने का निर्णय लिया गया था. साथ ही कहा गया था कि इसके बाद पद रिक्त रहने पर ही बीएड उम्मीदवारों को बहाली की जायेगी.
मालूम हो कि नीरज कुमार और अन्य द्वारा दायर रिट याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए अदालत ने राज्य सरकार से 21 सितंबर तक हलफनामा दायर कर यह बताने को कहा था कि विज्ञापन निकालने के बाद क्या नियमों में बदलाव हो सकता है.
याचिकाकर्ता की ओर से अदालत को बताया गया है कि राज्य सरकार ने 15 जून, 2020 को एक आदेश पारित करते हुए कहा था कि दिसंबर, 2019 में सीटीईटी पास उम्मीदवार इस परीक्षा में नहीं भाग ले सकते हैं.
मालूम हो कि इस परीक्षा के माध्यम से पूरे राज्य में लगभग 94 हजार शिक्षकों की बहाली की प्रक्रिया चल रही है. कोर्ट इस मामले में नौ नवंबर को अपना फैसला सुना सकता है. इस बीच सभी पक्षों को अपना-अपना लिखित बहस कोर्ट में देना है.