करबला के शहीदों का दर्द सुन जायरीनों की आंखें हुईं नम
करबला के शहीदों का दर्द सुन गमगीन मंजर के बीच उपस्थित जायरीनों की आंखें नम हो गयीं.
प्रतिनिधि, पटना सिटी करबला के शहीदों का दर्द सुन गमगीन मंजर के बीच उपस्थित जायरीनों की आंखें नम हो गयीं. मौका था शुक्रवार को चेहल्लूम के 24वें सफर पर नौजर कटरा इमाबाड़ा में हाशमी कमेटी की ओर से आयोजित 18 बनी हाशिम में मजलिस व नौहाखानी का. हजरत इमाम हुसैन और 72 अंसारों की शहादत के जिक्र के साथ 18 ताबूत अलम व झूला के साथ नौजर कटरा करबला से निकाला. इसमें आजमगढ़ से आये मौलाना जिशान अली आजमी ने हजरत इमाम हुसैन और परिवारों के एक एक शहीदों का जिक्र करते ताबूत निकाल जायरीनों के बीच लाया. इसके बाद शहादत की दास्तां सुन जायरीनों की आंखें नम हो गयीं. अंजुमन ए पंजेतनी, अंजुमन ए दस्ते सज्जादिया व अंजुमन अब्बासिया समेत अन्य अंजुमन की ओर से नौहाखानी की गयी. शिया बफ्फ बोर्ड के अध्यक्ष अफजल अब्बास की अध्यक्षता में आयोजन हुआ. कार्यक्रम में 18 बनी हाशिम कमेटी के सैयद हसनैन अख्तर, नजम अली जाफरी, जावेद अहमद बबूल, शाहिद इमाम, अकील हुसैन, मंजूर हैदर, जावेद, साबिर अली, अकिल हुसैन, साबिर हुसैन, टिंकू, हैदर, चमडोरिया दरगाह के सचिव सैयद शाह जाैहर इमाम जाैनी, सैयद जिया उर्फ पन्ना, सैयद हसन अली आदि थे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है