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कैमूर के तुतला भवानी में पर्यटकों के लिए नया पार्क बनकर तैयार, स्वास्तिक आकार में बना है हर्बल पार्क

मां तुतला भवानी इको पर्यटन स्थल के प्रांगण में औषधीय पार्क का कार्य पिछले एक साल से चल रहा है जो अब पूरी तरह से यह हर्बल पार्क सज धज कर व बनकर तैयार हो गया है, जिसमें चालीस से अधिक औषधीय पौधों को लगाया गया है

कैमूर. मां तुतला भवानी इको पर्यटन स्थल के प्रांगण में बन कर तैयार खूबसूरत औषधीय पार्क लोगों को लुभा रहा है. धीरे-धीरे यह औषधीय पार्क आकर्षण का केंद्र बनता जा रहा है. यहां पर आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों को यह काफी आकर्षक लग रहा है. हर्बल पार्क की डिजाइनिंग इंजीनियरों द्वारा इतनी खूबसूरत तरीके से की गयी है कि जो भी जायेगा, वह एक बार जरूर हर्बल पार्क का भ्रमण करना चाहेगा. स्वास्तिक आकार की हर्बल पार्क की डिजाइनिंग की गयी है, जो पर्यटकों के बीच आकर्षण का केंद्र बनेगा.

पर्यटकों के लिए नया पार्क बनकर तैयार

तत्कालीन डीएफओ प्रद्युम्न गौरव के प्रयास से उनके कार्यकाल में तैयार किया गया हर्बल पार्क पर्यटकों और आम लोगों के लिए बन कर तैयार हो गया है. औषधीय पौधे भी अब तैयार हो चुके हैं. बहुत जल्द ही पर्यटकों और आम लोगों के लिए इस हर्बल पार्क को खोल दिया जायेगा. तिलौथू के वनपाल अमित कुमार ने बताया कि मां तुतला भवानी इको पर्यटन स्थल के प्रांगण में औषधीय पार्क का कार्य पिछले एक साल से चल रहा है जो अब पूरी तरह से यह हर्बल पार्क सज धज कर व बनकर तैयार हो गया है, जिसमें चालीस से अधिक औषधीय पौधों को लगाया गया है, जो पौधे अब पूरी तरह तैयार हो चुके हैं.

आम लोगों के बीच किया जायेगा पौधों का वितरण

इस हर्बल पार्क में लगे पौधों को आम लोगों के बीच भी वितरित किया जाएगा. पौधों की एक निर्धारित राशि होगी, जिसे वन विभाग के द्वारा आम लोगों से तय राशि लेकर उन्हें पौधे दिया जाएगा. इसमें ऐसे औषधीय पौधे हैं जो लोगों को हर जगह उपलब्ध नहीं हो पाएगा तथा विभिन्न बीमारियों में भी काम आने वाले औषधीय पौधे लोगों के लिए वरदान साबित होंगें और बीमारियों में भी काम आयेंगे. यह हर्बल पार्क का निर्माण होने से यहां पहुंचने वाले पर्यटक एवं श्रद्धालु पूरी तरह से आयुर्वेदिक पद्धति से भी जुड़ पायेंगे.

बनाया गया है हार्बल हाट

इस हर्बल पार्क के समीप एक हर्बल हाट बनाया गया है, जहां पर औषधीय विशेषज्ञ रहेंगे. जो पहुंचे श्रद्धालु एवं पर्यटकों को औषधीय पौधों के गुण तथा उनके लाभ की जानकारी आम लोगों को देंगे तथा उनके विशेषता से लोगों को अवगत करायेंगे. इस हर्बल पार्क में औषधीय विशेषज्ञों की भी बहाली की जायेगी.

सार्वजनिक रूप से नहीं खुले हैं अभी पौधे

अभी फिलहाल इस औषधीय पौधों को सार्वजनिक रूप से नहीं खोला गया है. लेकिन वनपाल का कहना है कि यह हर्बल पार्क पूरी तरह तैयार हो गया है. बहुत जल्द ही रोहतास वन प्रमंडल पदाधिकारी मनीष कुमार वर्मा द्वारा प्राप्त निर्देशानुसार इसका उद्घाटन कर आम लोगों और पर्यटकों के विजिट करने के लिए इसे खोल दिया जायेगा. सबसे बड़ी बात यह है कि वन विभाग द्वारा इस हर्बल पार्क की डिजाइनिंग स्वास्तिक आकार की हुई है, जो अपने आप में एक आकर्षण का केंद्र है.

ये पौधे हैं शामिल

इस औषधीय पार्क में अश्वगंधा, अदरक, वन प्याज, वन हल्दी, सर्पगंधा, खीरजी, मरीच, बच, लेमन ग्रास, बासठ, कंटकारी, गिलोय, हींग, अजवाइन, बीसलकर्मी, लौंग, सतावर, अपराजिता, बजरंती, धतूर, हड्डी जोड़, गजराज, मेथी, इंसुलिन, घृतकुमारी, तुलसी कपूर, तुलसी, लाजवंती, अकवन, करईत, कपूर, हरसिंगार, बसन, कढ़ीपत्ता, इलायची, मेहंदी, पत्थर चूर, ब्राह्मी, ढक्कन, सफेद मूसली, पान, चिलगंज, समुंदर शोर, समुंदर शोक, पीतौधी, बंदी आदि औषधीय पौधे लगाए गए हैं, जो अब पूरी तरह तैयार हो चुके हैं.

आसानी से औषधीय पौधे होंगे हासिल

वन विभाग भी हर्बल पार्क को पूरी तरह तैयार होने का इंतजार कर रहा था. यह हर्बल पार्क पर्यटकों एवं श्रद्धालुओं के लिए वरदान साबित होगा, जिन्हें आसानी से ऐसे ऐसे औषधीय पौधे हर्बल पार्क में वन विभाग के माध्यम से उपलब्ध हो पायेंगे और लोग अपने अपने घरों में इन औषधीय पौधों को भी लगायेंगे और मां तुतला भवानी धाम में घूमने आने वाले पर्यटकों को खासकर हर्बल पार्क की डिजाइनिंग जरूर लुभायेगी. मां तुतला भवानी धाम में हर्बल पार्क का आकर्षण का केंद्र बन गया है.

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