संवाददाता, पटना: बिहार पुलिस मेंस एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष व कांस्टेबल नरेंद्र कुमार धीरज की बर्खास्तगी के आदेश को पटना हाइकोर्ट के जस्टिस मोहित कुमार साह के कोर्ट ने शुक्रवार को रद्द कर दिया. साथ ही तीन माह के अंदर उन्हें वापस नौकरी ज्वायन कराने व बर्खास्तगी से अब तक की तमाम राशि व लाभ को देने का आदेश दिया है. नरेंद्र कुमार धीरज को 10 मई 2022 को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया था. उस वक्त वे लखीसराय जिला बल में थे. इस आदेश को नरेंद्र कुमार धीरज ने पटना हाइकोर्ट में चुनौती दी थी. इसके बाद कोर्ट ने उनके पक्ष में फैसला देते हुए नौकरी में वापस लेने और सर्विस को निरंतर करने के साथ ही पुराने बकाया राशि का भुगतान तीन माह के अंदर करने का आदेश शुक्रवार को दे दिया. नरेंद्र कुमार धीरज का पटना के बेऊर थाने के महावीर कॉलोनी में आवास है. हालांकि वे मूल रूप से भोजपुर के सहार थाने बरूही के रहने वाले हैं. विदित हो कि बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (इओयू) ने प्रदेश अध्यक्ष नरेंद्र कुमार धीरज और उनके भाइयों के पटना,अरवल और आरा में नौ परिसरों पर एक साथ छापेमारी की थी. इसके बाद यह बताया गया था कि उन्होंने अवैध रूप से आय से अधिक 9.47 करोड़ रुपये की संपत्ति अर्जित की है. साथ ही यह भी आरोप था कि उन्होंने सारी संपत्तियां अपने पद और शक्ति का दुरुपयोग करके कमाये गये धन से अर्जित की है.
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