बिहार में 10वीं व 12वीं के छात्रों को अगली कक्षा में प्रोमोट किये जाने के मामले में हाइकोर्ट ने एक सप्ताह का दिया समय…
पटना: कोरोना को देखते हुए राज्य के ओपन स्कूल बोर्ड से पढ़ने वाले 10वीं व 12वीं के छात्रों को सिर्फ इंटरनल एसेसमेंट के आधार पर ही अगली कक्षा में प्रोमोट किये जाने को लेकर दायर रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए पटना हाइकोर्ट ने राज्य के मुख्य सचिव को कहा कि वे इस मामले में एक सप्ताह में उचित निर्णय ले लें. कोर्ट ने स्पष्ट किया कि राज्य के हज़ारों छात्रों का भविष्य यूं ही बर्बाद होता, हम नही देख सकते है.
पटना: कोरोना को देखते हुए राज्य के ओपन स्कूल बोर्ड से पढ़ने वाले 10वीं व 12वीं के छात्रों को सिर्फ इंटरनल एसेसमेंट के आधार पर ही अगली कक्षा में प्रोमोट किये जाने को लेकर दायर रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए पटना हाइकोर्ट ने राज्य के मुख्य सचिव को कहा कि वे इस मामले में एक सप्ताह में उचित निर्णय ले लें. कोर्ट ने स्पष्ट किया कि राज्य के हज़ारों छात्रों का भविष्य यूं ही बर्बाद होता, हम नही देख सकते है.
कोर्ट ने मुख्य सचिव को एक सप्ताह का समय दिया
मुख्य न्यायाधीश संजय करोल व न्यायाधीश एस कुमार की खंडपीठ ने ग्रासरूट इम्पावरमेंट एंड डेवलपमेंट ऑफ यूथ नामक एनजीओ की ओर से दायर लोकहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया. कोर्ट ने मुख्य सचिव को इसके लिए एक सप्ताह का समय देते हुए कहा कि वे इस बीच शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर उचित निर्णय ले. अगर उनके द्वारा इस मामले में उचित निर्णय नहीं लिया गया, तो उन्हें अगली सुनवाई में कोर्ट में उपस्थित होना पड़ेगा.
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता एनजीओ की वकील मयूरी ने कोर्ट को बताया
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता एनजीओ की वकील मयूरी ने कोर्ट को बताया की गत 26 जून को ही सुप्रीम कोर्ट ने अमित बटाला मामले की सुनवाई करते हुए आइसीएसइ को निर्देश दिया था कि वह भी सीबीएसइ की ही तरह कोरोना के कारण अपने बोर्ड के 10वीं व 12वीं के छात्रों को बगैर परीक्षा लिए ही केवल इंटरनल एसेसमेंट के आधार पर उन्हें प्रोमोट कर दें.
मामले की अगली सुनवाई 28 सितंबर को फिर
सुप्रीम कोर्ट के इस निर्देश के बाद नेशनल बोर्ड ऑफ ओपन स्कूल ने विगत 10 जुलाई को छत्तीसगढ़, तेलंगाना सहित कई राज्यों के ओपन स्कूल बोर्ड ने अपने छात्रों को उनके ट्यूटर मार्क एसेसमेंट के आधार पर अगली कक्षा में प्रोमोट कर दिया गया है. लेकिन, बिहार के ओपन स्कूल बोर्ड में हज़ारों छात्रों का भविष्य यह कहकर अधर में लटका दिया गया है की जब कॅरोना का प्रकोप खत्म होगा, तब उनकी बोर्ड परीक्षा ली जायेगी. इस मामले की अगली सुनवाई 28 सितंबर को फिर की जायेगी .
Published by : Thakur Shaktilochan Shandilya