पटना हाइकोर्ट ने राज्य में ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट को स्थापित करने को लेकर एक महत्वपूर्ण निर्णय दिया है. कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार को पटना व बिहटा में ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट बनाने पर विचार करने को कहा है. मुख्य न्यायाधीश संजय करोल और न्यायाधीश पार्थसारथी की खंडपीठ ने इस मामले को लेकर अभिजीत कुमार पांडेय द्वारा दायर जनहित याचिका पर लंबी सुनवाई के बाद आदेश अपने पास सुरक्षित रख लिया था. जिसे कोर्ट ने आज सुनाया है.
बिहार में यह पहला ऐसा मामला है जब कोर्ट ने सरकार को राज्य में ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट बनाने के लिए विचार करने का निर्देश दिया है. वहीं इस मामले में सांसद राजीव प्रताप रूडी ने कोर्ट में अपना पक्ष प्रस्तुत करते हुए कहा था कि बिहार जैसे बड़ी आबादी वाले राज्य में न तो एक अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट है और ना ही ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट है . उन्होंने बताया कि देश के कई बड़े शहरों के साथ साथ छोटे शहरों में भी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट है. उन्होंने कोर्ट को बताया था कि कई राज्यों में ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट की सुविधा उपलब्ध है. रूडी ने कोर्ट से कहा था कि पटना का एयरपोर्ट सुरक्षा के लिहाज से बहुत सही नहीं है. राजगीर, बिहटा और पुनपुन में एयरपोर्ट के विकल्प के रूप में विचार तो हुआ लेकिन कोई भी परिणाम नहीं सामने नहीं आया.
हाईकोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार के अधिवक्ता द्वारा दी गयी दलीलों को खारिज कर दिया. केंद्र ने दलील दी थी कि राज्य में एयरपोर्ट का निर्माण जनहित के अंतर्गत नहीं आता है. तो वहीं राज्य सरकार के द्वारा दलील दी गयी थी कि बिहार के आस पास दूसरे राज्यों में ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट है, ऐसे में अभी राज्य में ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट बनाने की जरूरत नहीं है.
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हाईकोर्ट ने स्पष्ट करते हुए कहा कि राज्य की जनता का यह मौलिक अधिकार है कि उन्हें सुरक्षित हवाई यात्रा व सुविधा मिले. ऐसे में राज्य व केंद्र सरकार जनता को सुरक्षित एवं विकसित हवाई यात्रा कराने के लिए प्रतिबद्ध है. कोर्ट ने निर्देश दिया कि सरकार राज्य में ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट बनाने पर विचार करे, इसके लिए वैसी भूमि भी चिह्नित की जाए जो कृषि योग्य नहीं है. ताकी राज्य की जनता बेहतर हवाई सफर का आनंद ले सके.