मुंगेर परिवार न्यायालय के फैसले को हाइकोर्ट ने किया खारिज

पटना हाइकोर्ट ने एक फैसला देते हुए मुंगेर परिवार न्यायालय के उस फैसले को ख़ारिज कर दिया, जिसके तहत परिवार न्यायालय ने एक को कानूनी पत्नी घोषित कर दूसरी पत्नी को फर्जी महिला करार दिया था .

By Prabhat Khabar News Desk | November 14, 2024 1:26 AM

विधि संवाददता,पटना पटना हाइकोर्ट ने एक फैसला देते हुए मुंगेर परिवार न्यायालय के उस फैसले को ख़ारिज कर दिया, जिसके तहत परिवार न्यायालय ने एक को कानूनी पत्नी घोषित कर दूसरी पत्नी को फर्जी महिला करार दिया था . न्यायाधीश पीबी बजनथ्री एवं न्यायाधीश एसबीपी सिंह की खंडपीठ ने गीता देवी की अपील को स्वीकृति देते हुए यह फैसला सुनाया . अपीलकर्ता गीता देवी ने मुंगेर परिवार न्यायालय के फैसले को हाइकोर्ट के समक्ष चुनौती दी थी जिसके तहत परिवार न्यायालय ने मुंगेर निवासी कुमकुम देवी को उसके पति रवि कुमार की कानूनी पत्नी घोषित किया था . कुमकुम देवी ने मुंगेर परिवार न्यायालय के समक्ष दावा किया था कि 1986 को रवि कुमार के साथ विवाह हुआ था . बाद में पारिवार न्यायालय,, रोहिणी, दिल्ली ने उसके पति के नाम से नोटिस जारी किया था जिसमे गीता देवी ने खुद को रवि कुमार की कानूनी रूप से विवाहित पत्नी होने का दावा करते हुए विवाह से पैदा हुए दो बच्चों के लिए भरण-पोषण का भी दावा किया था. इस पर पति रवि कुमार एवं कुमकुम देवी ने परिवार न्यायालय अधिनियम की धारा 7 (बी) के तहत याचिका दायर की. मुंगेर के परिवार न्यायालय ने कुमकुम को रवि की कानूनी पत्नी करार देते हुए गीता देवी (आपीलकर्ता) को फर्जी महिला घोषित कर दिया . हाइकोर्ट ने पाया कि परिवार न्यायालय ने अपीलकर्ता को सुने बिना ही एकपक्षीय फैसला पारित कर दिया है . हाइकोर्ट ने पारिवार न्यायालय के इस मान्यता को भी ग़लत माना जिसके तहत कि अपीलकर्ता एक फर्जी महिला करार दी गयी थी . कोर्ट ने पारिवार न्यायालय, मुंगेर द्वारा पारित निर्णय और डिक्री को रद्द कर दिया जिसमे कुमकुम को रवि की कानूनी पत्नी घोषित किया गया था . कोर्ट ने मामले को नए सिरे से विचार के लिए पारिवार न्यायालय मुंगेर के समक्ष वापस भेजा दिया .

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