बिहार के सरकारी स्कूलों में छात्राओं के लिए शौचालय नहीं होने से पटना हाईकोर्ट नाराज, दिया ये आदेश
कोर्ट ने आश्चर्य जताते हुए कहा कि आखिर राज्य में बालिकाओं को स्कूल छोड़ने का एक मुख्य कारण यह भी हो सकता है. खंडपीठ ने कोर्ट मित्र को कहा कि वह भी इस बारे में अपना सुझाव कोर्ट को दे ताकि उस पर विचार कर अमल किया जा सके
बिहार के सरकारी स्कूलों में बालिकाओं के लिए समुचित शौचालय की व्यवस्था नहीं होने के मामले में पटना हाइकोर्ट ने कड़ा रुख अख्तियार करते हुए एक नयी लोकहित याचिका शुरू करने का आदेश दिया है. मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय करोल और न्यायमूर्ति पार्थसारथी की खंडपीठ ने इसके पहले एक समाचार पत्र में इससे संबंधित छपी खबर पर स्वत: संज्ञान लेते हुए कार्यवाही शुरू की थी.
नयी लोकहित याचिका दायर करने का आदेश
खंडपीठ द्वारा इस मामले में कोर्ट को सहयोग करने के लिए अधिवक्ता शम्भू शरण सिंह को कोर्ट मित्र नियुक्त किया गया था. कोर्ट ने हाइकोर्ट प्रशासन को कहा कि वह इस मामले से संबंधित एक नयी लोकहित याचिका सभी रिपोर्ट के आधार पर पंजीकृत करे.
कोर्ट में छात्राओं के लिए उपलब्ध शौचालय का दिया गया आंकड़ा
सुनवाई के समय पटना जिला के जिला शिक्षा पदाधिकारी की ओर से एक विस्तृत हलफनामा दायर कर पटना जिला के सरकारी स्कूलों में बालिकाओं के लिए उपलब्ध शौचालय का आंकड़ा दिया गया हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि जिस स्कूल में दो हजार से ज्यादा छात्राएं पढ़ती हैं, वहां सिर्फ दो शौचालय है. गुलजारबाग के बीएनआर ट्रैनिंग कॉलेज में 1075 छात्राओं पर दो शौचालय हैं. बालिकाओं के लिए शहर के कई सरकारी स्कूलों में शौचालय की काफी कमी है. इस कारण भी छात्राएं पढ़ाई छोड़ देती हैं.
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महाधिवक्ता को सरकार का पक्ष रखने का निर्देश
कोर्ट ने आश्चर्य जताते हुए कहा कि आखिर राज्य में बालिकाओं को स्कूल छोड़ने का एक मुख्य कारण यह भी हो सकता है. खंडपीठ ने कोर्ट मित्र को कहा कि वह भी इस बारे में अपना सुझाव कोर्ट को दे ताकि उस पर विचार कर अमल किया जा सके. कोर्ट ने अपर महाधिवक्ता अंजनी कुमार को इस मामलें में सरकार का पक्ष रखने का आदेश दिया.