कृषि मार्केटिंग के लिए नहीं मिली राशि, ऑर्गेनिक खेती व रिसर्च पर सबसे अधिक खर्च
आकास्मिक परिस्थति से किसानों को राहत देने के लिए 15 सौ लाख में 13 फीसदी राशि खर्च- बागवानी के विकास पर अब तक छह फीसदी राशि की गयी खर्च
– आकास्मिक परिस्थति से किसानों को राहत देने के लिए 15 सौ लाख में 13 फीसदी राशि खर्च – बागवानी के विकास पर अब तक छह फीसदी राशि की गयी खर्च संवाददाता, पटना खेती-किसानी के कई कार्यों के लिए कृषि विभाग ने कम राशि अभी तक खर्च की है. कई में आउटले से कम राशि स्वीकृत हुई है. कई कार्यों के लिए मिली राशि का सौ फीसदी खर्च किया जा चुका है. कृषि मार्केटिंग के 3000 लाख रुपये का आउटले तैयार है. इस कार्य के लिए राशि मिली ही नहीं है. आकास्मिक परिस्थिति से निबटने के लिए 15000 लाख रुपये की स्वीकृति मिली है. इस पर अभी 13.33 फीसदी राशि खर्च की जा चुकी है. इस कार्य के लिए कुल 18000 लाख रुपये का आउटले बनाया गया है. एग्रीकल्चर रिसर्च और शिक्षा पर खर्च करने के लिए 23525 लाख रुपये के तैयार आउटले में 1500 लाख रुपये स्वीकृत हुए हैं. इसमें सौ फीसदी राशि खर्च की जा चुकी है. ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा देने के लिए स्वीकृत 1440 लाख रुपये में लगभग सौ फीसदी राशि खर्च की जा चुकी है. बीज विकास पर खर्च हुई चार फीसदी राशि बीज विकास पर 19399 रुपये के आउटले में 15972 लाख रुपये की स्वीकृति मिली है. इसमें अभी तक लगभग चार फीसदी राशि खर्च हुई है. मिट्टी संंरक्षण कार्य पर 6000 लाख रुपये का आउटले बनाया गया. इसमें 1951 लाख रुपये की स्वीकृति मिली है. इस कार्य में अभी तक सौ फीसदी राशि खर्च की जा चुकी है. बागवानी विकास के लिए 30000 लाख के आउटले में 17223 रुपये की स्वीकृति मिली है. इसमें अभी तक लगभग छह फीसदी की राशि ही खर्च हुई है. प्रयोगशालाओं को अपडेट करने पर 34 फीसदी खर्च मिट्टी, बीज और उर्वरक लैब के सुदृढ़ीकरण पर 1500 लाख रुपये का आउटले तैयार है. इसमें 1114 लाख रुपये की स्वीकृति मिली. इस कार्य में लगभग 34 फीसदी राशि खर्च की जा चुकी है. कृषि यांत्रिकरण को बढ़ावा देने पर 9238 लाख में 8225 लाख रुपये की स्वीकृति मिली. इसमें लगभग 16 फीसदी राशि खर्च की जा चुकी है.
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