हिंदी आलोचक डॉ नंदकिशोर नवल का निधन

हिंदी के प्रसिद्ध आलोचक और मूर्धन्य डॉ नंदकिशोर नवल का मंगलवार की रात निधन हो गया. वह कुछ दिनों से अस्वस्थ थे. 83 साल के डॉ नवल जी पटना विवि में हिंदी के प्राध्यापक रह चुके थे.

By Prabhat Khabar News Desk | May 13, 2020 1:36 AM

पटना : हिंदी के प्रसिद्ध आलोचक और मूर्धन्य डॉ नंदकिशोर नवल का मंगलवार की रात निधन हो गया. वह कुछ दिनों से अस्वस्थ थे. 83 साल के डॉ नवल जी पटना विवि में हिंदी के प्राध्यापक रह चुके थे. उनका जन्म दो सितंबर, 1937 को वैशाली जिले के चांदपुरा में हुआ था. उनकी दर्जनों पुस्तकों में कविता की मुक्ति, हिंदी आलोचना का विकास, शताब्दी की कविताएं, समकालीन काव्य यात्रा, कविता के आर-पार आदि प्रमुख हैं.

उन्होंने निराला रचनावली (आठ खंडों में) और दिनकर रचनावली का संपादन भी किया था. डॉ नवल के निधन पर साहित्यकारों और संस्कृतिकर्मियों ने गहरा शोक व्यक्त किया है. साहित्यकार कर्मेंदू शिशिर ने कहा कि वह मेरे गुरु रहे थे और उन्होंने साधक की तरह जीवन जीया. बिहार इप्टा के महासचिव तनवीर अख्तर ने कहा कि डॉ नंदकिशोर नवल शुरुआती दौर से प्रलेस और इप्टा से जुड़े रहे. हिंदी साहित्य में इनका महत्वपूर्ण योगदान रहा.

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