पटना में 1 सितंबर से आरंभ होगा हिंदी पखवारा-सह-पुस्तक चौदस मेला, कई तरह के कार्यक्रमों का होगा आयोजन

एक सितंबर को दोपहर तीन बजे केंद्रीय वन एवं पर्यावरण राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे पटना में 'हिंदी पखवारा - सह - पुस्तक चौदस मेला' का उद्घाटन करेंगे. मेले में प्रत्येक दिन पूर्वाह्न 10 बजे से छात्र - छात्राओं के लिए प्रतियोगिता 'काव्य-कार्यशाला' 'कथा-लेखन-कार्यशाला' आदि के आयोजन होगा.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 30, 2022 5:45 AM

पटना. हिंदी दिवस के उपलक्ष्य में आगामी एक सितंबर से बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन में ‘हिंदी पखवारा – सह – पुस्तक चौदस मेला’ का आयोजन किया जा रहा है. इसका उद्घाटन एक सितंबर को दोपहर तीन बजे केंद्रीय वन एवं पर्यावरण राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे करेंगे. मुख्य अतिथि के रूप में न्यायमूर्ति मृदुला मिश्र और बिहार के उद्योग मंत्री समीर कुमार महासेठ समेत अनेक गणमान्य अतिथि उपस्थित रहेंगे.

प्रत्येक दिन होगी प्रतियोगिता 

हिंदी पखवारे के प्रत्येक दिन पूर्वाह्न 10 बजे से छात्र – छात्राओं के लिए प्रतियोगिता, ‘काव्य – कार्यशाला’, ‘कथा – लेखन – कार्यशाला’ आदि के आयोजन होगा जबकि अपराह्न 4 बजे से विविध साहित्यिक उत्सव होंगे. यह जानकारी देते हुए सम्मेलन के अध्यक्ष डॉ अनिल सुलभ ने बताया है कि 2 सितंबर से सम्मेलन सभागार में दस दिवसीय संस्कृत संभाषण शिविर भी लगाया जायेगा जिसमें प्रतिभागियों को संस्कृत बोलने और समझने योग्य बना दिया जायेगा.

क्या होगा कार्यक्रम 

संस्कृत की कक्षा अपराहन 3 बजे से 4 बजे तक संचालित हुआ करेगी. 14 सितंबर को हिंदी – दिवस के दिन 14 हिंदी सेवियों को सम्मेलन की ओर से सम्मानित भी किया जायेगा. 15 सितंबर को होनेवाले पखवारा के समापन – समारोह में विभिन्न प्रतियोगिताओं में सफल छात्र – छात्राओं को पुरस्कृत किया जायेगा और सभी प्रतिभागियों को ‘प्रतिभागिता – प्रमाण – पत्र’ दिये जायेंगे.

Also Read: उपेंद्र कुशवाहा ने कहा बिहार में नहीं गलेगी दाल, अमित शाह के दौरे को लेकर दी प्रतिक्रिया, देखें वीडियो
नेशनल बूक ट्रस्ट समेत अनेक प्रकाशन संस्थान भाग ले रहे

पुस्तक मेला में नेशनल बूक ट्रस्ट समेत अनेक प्रकाशन संस्थान भाग ले रहे हैं. बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन की भी अपनी दीर्घा होगी जिसमें सम्मेलन की ओर से प्रकाशित पुस्तकें और स्थानीय लेखकों की पुस्तकें विक्रय के लिए उपलब्ध होंगी. स्थानीय साहित्यकारों से आग्रह किया गया है कि वे 31 अगस्त तक अपनी पुस्तकें सम्मेलन कार्यालय में उपलब्ध करा दें. इस अवसर पर सम्मेलन में उपलब्ध अनेक दुर्लभ ग्रंथों की प्रदर्शनी भी लगायी जायेगी.

Next Article

Exit mobile version