पटना में बच्चों के बैग का वजन कम करने के लिए शुरू हुई कवायद, होमवर्क की टाइमिंग को भी किया जायेगा कम

कक्षा एक से छठी तक के बच्चों को एक घंटे में तैयार किया जाने वाला होम वर्क ही मिलेगा. वहीं, कक्षा नौवीं से 12वीं के बच्चों को अलग-अलग विषयों में रोटेशन के अनुसार दो घंटे में पूरा हो जाने वाला होम वर्क दिया जायेगा.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 25, 2022 6:42 AM
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पटना. बच्चों के बैग के वजन कम करने को लेकर शहर के विभिन्न स्कूलों में कवायद शुरू कर दी गयी है. नयी शिक्षा नीति के तहत बच्चों के वजन के 10% वजन का ही बैग लेकर बच्चों को स्कूल आना है. इसके लिए स्कूल की ओर से अभिभावकों को भी मैसेज दिया जा रहा है. विभिन्न फेज में शहर के स्कूलों में यह नियम लागू किया जायेगा.

होमवर्क की टाइमिंग को किया जायेगा कम

बच्चों के बस्ते का बोझ कम करने के साथ ही बच्चों को होम वर्क, रोटेशन के अनुसार तय समय सीमा के अनुसार ही दिया जायेगा. इसमें कक्षा एक से छठी तक के बच्चों को एक घंटे में तैयार किया जाने वाला होम वर्क ही मिलेगा. वहीं, कक्षा नौवीं से 12वीं के बच्चों को अलग-अलग विषयों में रोटेशन के अनुसार दो घंटे में पूरा हो जाने वाला होम वर्क दिया जायेगा. ऐसे में बच्चों पर से होम वर्क का बोझ कम हो जाएगा.

स्कूल से अभिभावकों को भेजा जा रहा नोटिस

पटना के संत डोमेनिक सेवियोज हाइस्कूल के डायरेक्टर ग्लेन गॉल्सटन ने बताया कि स्कूल की ओर से अभिभावकों को मैसेज भेजा जा रहा है. अलग-अलग क्लास के बच्चों के लिए बैग का वजन तय किया गया है. बेली रोड स्थित केंद्रीय विद्यालय के प्राचार्य पीके सिंह ने कहा कि फेज वाइस सभी ब्रांच में बच्चों के बैग के वजन कम करने को लेकर अभिभावकों को मैसेज दिया जायेगा. वहीं, संत जेवियर्स हाइस्कूल के प्राचार्य फादर क्रिस्टू ने कहा कि अभिभावकों को स्कूल की ओर से मैसेज भेजा जा रहा है, इसके साथ ही शिक्षकों को भी रोटेशन के अनुसार होम वर्क देने का निर्देश दिया गया है.

तय किया गया वजन

  • क्लास 1-3 1-2 किलो

  • क्लास 4-6 2-3 किलो

  • क्लास 7-9 2.5-4 किलो

  • क्लास 10-12 3-5 किलो

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नो बैग डे

वहीं इससे पहले शिक्षा विभाग ने छात्रों पर बोझ कम करने के लिए स्कूलों में नो बैग डे नियम लाने का फैसला किया था. इससे छात्रों के मन पर पढ़ाई का बोझ कम हो जाएगा और स्कूल में नो बैग डे के दिन कार्य आधारित व्यावहारिक कक्षाएं होंगी. नो बैग डे के दिन छात्रों को केवल लंच लेकर आना होगा. किताब या कॉपी लाने की कोई जरूर नहीं होगी. स्कूल में शिक्षक एक दिन व्यावहारिक और अनुभवात्मक चीजों का ज्ञान बच्चों को देंगे.

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