विधान परिषद से भी पारित हुआ बेतिया राज संपत्ति विधेयक संवाददाता, पटना बेतिया राज की संपत्तियां अब राज्य सरकार की हो जायेंगी. इसे लेकर बुधवार को राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री डॉ दिलीप जायसवाल ने विधान परिषद में बेतिया राज की संपत्तियों को निहित करने वाला विधेयक, 2024 पेश किया. वहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मौजूदगी में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच वाद-विवाद के बाद यह ध्वनिमत से पारित हो गया. इससे पहले यह विधेयक मंगलवार को विधानसभा से पारित हो चुका है. इस संबंध में मंत्री डॉ दिलीप जायसवाल ने जानकारी दी कि बिहार में बेतिया राज की करीब 15 हजार 213 एकड़ जमीन है. इन पर अतिक्रमण हो रहा था. इसमें से अधिकतर जमीन पूर्वी चंपारण और पश्चिम चंपारण जिले में है. इसके साथ ही गोपालगंज, सारण, सीवान सहित पटना में भी जमीन है. वहीं उत्तर प्रदेश में 143 एकड़ जमीन है. उत्तर प्रदेश में इलाहाबाद, बस्ती, फैजाबाद, गोरखपुर, महाराजगंज, कुशीनगर, मिर्जापुर और वाराणसी में भी संपत्ति है. उत्तर प्रदेश की सरकार से समन्वय कर राज्य सरकार यह जमीन हासिल करेगी. मंत्री डॉ दिलीप जायसवाल ने कहा कि सभी जिले में विशेष पदाधिकारी नियुक्त होंगे. जमीन अधिग्रहण से पहले सभी पक्षों को नोटिस दिया जायेगा. साथ ही दावा-आपत्ति की अधिसूचना के 60 दिन के भीतर आपत्ति देनी होगी और 90 दिन में इसका समाधान होगा. बेतिया राज की संपत्ति का सरकार सामुदायिक उपयोग करेगी. इसके तहत अस्पताल, मेडिकल कॉलेज, विश्वविद्यालय, स्टेडियम आदि खोला जायेगा. वहीं सदन के बाहर पत्रकारों से मंत्री डॉ जायसवाल ने कहा कि सरकार भूमिहीनों को ऑपरेशन बसेरा के तहत जमीन उपलब्ध करवा रही है. वैसे लोगों को भी जमीन मिलेगी. इस दौरान विधान परिषद के उपसभापति प्रो (डॉ) रामवचन राय ने कहा कि 106 साल बाद इस विधेयक के माध्यम से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार डॉ राममनोहर लोहिया के सपनों को साकार कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि चंपारण से महात्मा गांधी को जाने के बाद वहां जमीन की लूट शुरू हुई थी. सरकार गरीबों का भी ध्यान रखेगी. वहीं मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि यह विधेयक विधानसभा में बना और पारित हुआ. इससे पहले विपक्ष की तरफ से कांग्रेस के विधान पार्षद डॉ समीर कुमार सिंह और राजद के सौरभ कुमार ने कहा कि बेतिया राज की जमीन पर करीब 50 हजार गरीब, दलित, पिछड़े, अल्पसंख्यक हैं, उनका क्या होगा.
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