BPSC Candidates Protest: बिहार में बीते कुछ दिनों से छात्र आंदोलन जारी है. बीपीएससी की परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर पिछले दो सप्ताह से अभ्यर्थी राजधानी पटना में आंदोलन कर रहे हैं. रविवार देर शाम अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज और वाटर कैनन के इस्तेमाल के बाद से यह मामला और भी गरम हो गया है. अब इस मामले ने सियासी रंग भी ले लिया है. सभी दलों के नेता द्वारा एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप का खेल खेला जा रहा है. जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने रविवार को पटना के गांधी मैदान में छात्र संसद का आह्वान किया था. इसके बाद पुलिस ने देर शाम छात्रों पर लाठीचार्ज किया. अब सभी नेता अपनी-अपनी राजनीतिक रोटी सेंकने की फिराक में हैं. वहीं आज BPSC के छात्र मुख्य सचिव से प्रशांत किशोर बातचीत के लिए गए थे. वे अब मिलकर निकल चुके हैं. शेखपुरा हाउस पर शाम 3 बजे प्रशांत किशोर छात्रों के साथ प्रेस से बातचीत करेंगे.
बीपीएससी प्रोटेस्ट के कई एंगल
रविवार को अभ्यर्थियों पर हुए लाठीचार्ज के विरोध में AISA समेत विभिन्न संगठनों ने आज बिहार बंद का आह्वान किया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दिल्ली दौरे पर हैं. वहीं, मुख्य सचिव ने कहा है कि बीपीएससी अभ्यर्थियों के साथ बातचीत के लिए सरकार तैयार है. सरकार के दरवाजे अभ्यर्थियों के लिए खुले हुए हैं. बिहार में सियासी लड़ाई का केंद्र बनते जा रहे बीपीएससी प्रोटेस्ट के कई एंगल हैं. बीपीएससी बनाम अभ्यर्थी, सरकार बनाम अभ्यर्थी, सत्ता पक्ष बनाम विपक्ष, साथ ही इस मामले में एक अब एक और फ्रंट तैयार हो रहा है वो है विपक्ष बनाम विपक्ष का. यह फ्रंट है तेजस्वी यादव बनाम प्रशांत किशोर का. दोनों नेता एक दूसरे पर हमलावर हैं.
विपक्षी दलों के निशाने पर नीतीश सरकार
राजद और जन सुराज के निशाने पर सीएम नीतीश कुमार की सरकार है. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए बोला कि वे अब थक चुके हैं और रिटायर्ड अधिकारियों से राज्य चलवा रहे हैं. उन्होंने आगे कहा कि जिस तरीके से सर्दी में छात्रों पर लाठी चलाई गई है, उससे कलेजा दहल जाता है. उन्होंने बीपीएससी प्रोटेस्ट के दौरान लाठीचार्ज की निंदा की. हम छात्रों के साथ हैं और चाहते हैं कि परीक्षा दोबारा हो.
तेजस्वी यादव Vs प्रशांत किशोर
राजद नेता तेजस्वी यादव ने प्रशांत किशोर का नाम लिए बिना उनपर हमला करते हुए कहा कि बीजेपी की बी टीम ने बड़ी ही चालाकी से इस आंदोलन को कुचलने की कोशिश की है. तेजस्वी ने पीके पर छात्रों को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए कहा कि पटना के गर्दनीबाग में बड़े ही शांतिपूर्ण तरीके से छात्रों का आंदोलन चल रहा था और इससे बीपीएससी, सरकार हिली हुई थी. लेकिन बड़ी ही चालाकी से बीजेपी की बी टीम ने आंदोलन को गांधी मैदान ले जाने का काम किया. उन्होंने प्रशांत किशोर का नाम लिए बिना ही कहा कि इस टीम के नेता ने छात्रों से कहा था कि कुछ भी हो जाए, मैं सबसे आगे रहूंगा. लेकिन, लाठीचार्ज के समय सबसे पहले वे ही भाग गए. वे अपनी राजनीति चमकाना चाहते हैं.
पीके ने तेजस्वी यादव पर किया पलटवार
वहीं तेजस्वी यादव के जुबानी हमले पर पलटवार करते हुए पीके ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि मैं अगर भाग गया था तो तेजस्वी यादव चले जाते अस्पताल. बीती रात अस्पताल मैं ही गया था. पीके ने आगे कहा कि छात्र संसद में कोई हंगामा नहीं हुआ. मार्च के जरिये आगे बढ़कर ज्ञापन देने का फैसला किया गया और यह भी कि हमें जहां रोका जाएगा, हम वहीं ज्ञापन देने की प्रक्रिया पूरी करेंगे. पीके ने कहा कि हमें जेपी गोलंबर पर रोका गया और कहा गया कि मुख्य सचिव इस मुद्दे पर बातचीत के लिए तैयार हैं. हमने पांच छात्रों का डेलिगेशन तय किया और छात्रों से घर जाने की अपील कर गांधी मैदान चला गया.
2 जनवरी से धरने पर बैठेंगे पीके
पीके ने सफाई देते हुए कहा कि मेरे वहां से जाने के बाद लाठीचार्ज हुआ. ये गलत हुआ है और हम पटना पुलिस के खिलाफ मानवाधिकार आयोग तक भी जाएंगे. पीके ने यह भी कहा कि सरकार ने अभ्यर्थियों की मांगें नहीं मानीं तो 2 जनवरी से धरने पर बैठूंगा.