RTI कैसे उपयोगी है, क्या हैं इसके फायदे, बिहार के मुख्य सूचना आयुक्त त्रिपुरारि शरण ने बताया

सूचना के अधिकार कानून पर बिहार के मुख्य सूचना आयुक्त त्रिपुरारि शरण ने सोमवार को प्रभात खबर से बातचीत की. मौका था प्रभात खबर पटना के स्टूडियो के उद्घाटन का

By Anand Shekhar | March 18, 2024 11:15 PM

पटना. प्रभात खबर के डिजिटल स्टूडियो का उद्घाटन राज्य के मुख्य सूचना आयुक्त त्रिपुरारि शरण ने सोमवार को किया. साहित्य और सामाजिक विषयों पर समान पकड़ वाले त्रिपुरारि शरण वरिष्ठ 1995 बैच के आइएएस अधिकारी और दूरदर्शन में महानिदेशक और बाद में बिहार के पूर्व मुख्य सचिव रहे हैं. उनका उपन्यास ‘ माधोपुर का घर’ छपकर आ चुका है.  इस मौके पर डिजिटल टीम के साथ सूचना के अधिकार कानून से जुड़े कई पहलुओं पर बातचीत की.

मुख्य सूचना आयुक्त ने कहा कि सूचना के अधिकार कानून से सरकारी कामकाज में पारदर्शिता बढ़ी है. आयोग की कोशिश है कि जिला स्तर पर ही या जिस स्तर पर सूचनाएं मांगी गयी हैं, वहीं उपलब्ध करायी जाये. इसके लिए वे जिलों का भी दौरा कर रहे हैं. त्रिपुरारि शरण ने कहा कि कई बार आयोग के समक्ष भी कई ऐसे मसले आते हैं, जिन्हें पहली अपील यानी जिलास्तर पर ही सुलझाया जा सकता है. उनका कहना था अब भी इस कानून और अधिकार के बारे में लोगों की सजगता कम है. कुछ लोग इसका दुरूपयोग करना चाहते हैं, इस वास्तविकता से भी उन्होंने इनकार नहीं किया.

मुख्य सूचना आयुक्त ने कहा कि कई बार बेढब सवाल या सूचनाएं मांगी जाती हैं, जिसकी कोई सार्थकता नहीं होती. कई बार निजी मसले से जुड़ी सूचनाएं मांगी जाती हैं. इसके बाद भी सूचना आयोग सजग है. उनके समक्ष जो मामले सुनवाई को आते हैं, उस पर कानून सम्मत कार्यवाही होती है. आये दिन सूचना नहीं देने वाले अधिकारियों पर जुर्माना भी लगाया जाता है. आयोग को किसी अधिकारी पर साक्ष्य होने की स्थिति में कार्रवाई की सिफारिश का भी अधिकार प्राप्त है.

मुखिया को मिला कितना अधिकार, ये देखने की जरूरत

मुख्य सूचना आयुक्त ने कहा कि त्रिस्तरीय सरकार में सबसे नीचे मुखिया हैं जो जमीन से जुडा है. लेकिन उसे अधिकार कितना मिला है, यह देखना चाहिए. विदेशों में कई जगहों पर लोकल काउंसिल ही सारे काम करती है. वहां भी गुण-दोष होंगे, लेकिन एक चीज समझ में आती है कि सबसे नजदीक वही बॉडी है जो लोगों से नित्य दिन के आधार पर जुड़ा है. उसका पैसा भी आता है तो वह कई प्रक्रियाओं से गुजर कर सदुपयोग और दुरुपयोग के तरीके सामने आते है.

सूचना के अधिकार से सरकारी कामकाज में पारदर्शिता बढ़ी

शरण ने कहा कि राज्य में सूचना के अधिकार से संबंधित कानून से सरकारी कामकाज में पारदर्शिता बढ़ी है. अधिकारियों में यह भय समाया है कि वो कुछ गलत करेंगे तो वह छुपा नहीं रह पायेगा. किसी स्तर पर सूचना छिपायी गयी तो उसकी अपील सूचना आयोग तक हो सकेगी. हालांकि अब भी यह पूरी तरह से जमीन पर उतर नहीं पाया है. लोगों को मालूम नहीं है कि इस अधिकार का इस्तेमाल किस प्रकार से किया जाये. इसे कानून की जगह अधिकार के रूप में देखना ज्यादा उचित होगा.

इससे पहले, प्रभात खबर के डिजिटल स्टूडियो का विधिवत उद्घाटन मुख्य सूचना आयुक्त त्रिपुरारि शरण ने फीता काट कर  किया. उन्होंने कहा कि डिजिटल स्टूडियो से ऑनलाइन सूचना व समाचार को और भी व्यवस्थित तरीके से लोगों के पेश पहुंचाने में सुविधा होगी. इस मौके पर प्रभात खबर के बिहार बिजनेस हेड श्याम बथवाल, राज्य संपादक अजय कुमार, स्थानीय संपादक रंजीत प्रसाद सिंह, राजनीतिक संपादक मिथिलेश, डिजिटल प्रभारी राजेश ओझा, सर्कुलेशन प्रमुख राकेश कुमार, विज्ञापन प्रबंधन चेतन आनंद समेत प्रभात खबर के सहयोगी उपस्थित रहे. प्रभात खबर परिसर में स्थित सुसज्जित स्टूडियो से डिजिटल सेक्शन के कामकाज होंगे.

वोट करने की अपील की

मुख्य सूचना आयुक्त त्रिपुरारि शरण ने आमलोगों से वोट करने की अपील की. उन्होंने कहा कि अभी आमलोगों के सामने अपने मन मुताबिक सरकार चुनने का समय आया है. लोगों को , युवाओं को महिलाओं को आगे आने की अपील की और कहा कि मतदान के दिन अपने मताधिकार का प्रयोग जरूर करें. यह नहीं सोचना चाहिए कि मेरे एक वोट से क्या होगा. हर मतदाता से उन्होंने अपना वोट देने की अपील की.

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