संवाददाता, पटना
मगध महिला कॉलेज के आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन सेल और राजनीति विज्ञान विभाग ने मानवाधिकार दिवस मनाया. लिंग और मानवाधिकार और आधुनिक नरसंहार और अंतरराष्ट्रीय मानवतावादी कानून और राष्ट्रीय स्तर पर मानवाधिकारों का उल्लंघन पर एक ऑनलाइन वार्ता का आयोजन किया. इसमें वक्ता के तौर पर डॉ मुकुल बिहारी वर्मा एसोसिएट प्रोफेसर यूनिवर्सिटी डिपार्टमेंट ऑफ पॉलिटिकल साइंस एलएन मिथिला यूनिवर्सिटी, दरभंगा, अमोल पुष्पा बीबीए एलएलबी सिम्बायोसिस एडवोकेट दिल्ली हाइकोर्ट और अनन्या सिंह थीं. कॉलेज के आइक्यूएसी समन्वयक डॉ पुष्पलता कुमारी ने मानवाधिकार दिवस के महत्व और समकालीन परिदृश्य में सत्र के विषय की प्रासंगिकता पर जोर दिया. प्राचार्य प्रो नमिता कुमारी ने मानवाधिकार दिवस के महत्व पर जोर दिया. साथ ही घरेलू और अंतरराष्ट्रीय मंच पर मानवाधिकार से जुड़ी वर्तमान चुनौतियों पर प्रकाश डाला.लैंगिक समानता प्रत्येक क्षेत्र में जरूरी
वक्ताओं ने लैंगिक समानता और मानवाधिकार के महत्व पर अपना भाषण दिया और सभी के लिए अवसर की समानता के महत्व पर ध्यान केंद्रित किया. उन्होंने इस तथ्य पर जोर दिया कि लैंगिक समानता प्रत्येक क्षेत्र में मानवाधिकारों के लिए एक पूर्व शर्त है. अमोल पुष्प ने नरसंहार और अंतरराष्ट्रीय मानवतावादी कानून के अर्थ और व्याख्या पर विचार-विमर्श किया. उन्होंने गाजा के मामले के अध्ययन के साथ विभिन्न देशों में प्रचलित नरसंहार की विभिन्न श्रेणियों को भी समझाया, उन्होंने मानवाधिकारों के घोर उल्लंघन और आगे के रास्ते पर प्रकाश डाला. प्रतिभागियों ने जीवंत प्रश्नोत्तर सत्र में भाग लिया. सत्र का समापन राजनीति विज्ञान विभाग के प्रमुख डॉ रिशु राज के धन्यवाद प्रस्ताव के साथ हुआ, जिन्होंने वक्ताओं को उनकी ज्ञानवर्धक प्रस्तुति के लिए और प्रतिभागियों को उनकी सक्रिय भागीदारी के लिए आभार व्यक्त किया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है