लालू आईएएस अधिकारियों से खैनी मलवाते थे, जानिए तेजस्वी को लेकर सुशील मोदी ने क्या कुछ कहा
sushil modi reply to tejasvi बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम और राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने एक बार फिर बिहार में अफसरशाही के मुद्दे पर राजद को करारा जवाब दिया है. मोदी ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव जो सवाल पूछते हैं वह जवाब देने योग्य नहीं होता है.
बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम और राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार(sushil modi) मोदी ने एक बार फिर बिहार में अफसरशाही के मुद्दे पर राजद को करारा जवाब दिया है. मोदी ने मंगलवार को पार्टी कार्यालय में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (tejasvi) जो सवाल पूछते हैं वह जवाब देने योग्य नहीं होता है. वह कहते हैं कि बिहार में अफसरशाही हावी है. लेकिन, उनके पिता लालू प्रसाद के कार्यकाल में अफसर कैसे काम करते थे, यह किसी से छुपा हुआ नहीं है. लालू जी आईएएस अधिकारियों से पिकदान उठवाते थे, खैनी मलवाते थे(IAS making tobbaco in lalu time). तेजस्वी ने यही सब देखा है. इसलिए शायद वे ऐसी ही अफसरशाही चाहते हैं, जिसकी जरूरत बिहार को अब नहीं है.
सुशील मोदी ने कहा कि देश में दलितों, पिछड़ों के लिए या ऊंची जाति में आर्थिक रूप से पिछड़ों के लिए किसी ने कुछ काम किया है तो वह नरेन्द्र मोदी की सरकार ने किया है या जिस गठबंधन में भाजपा रही है, उस सरकार ने किया है. राजद-कांग्रेस कभी भी पिछड़ों का विकास नहीं कर सकती है. लालू प्रसाद को पिछड़ों का नेता बताए जाने पर उन्होंने कहा कि अगर वह पिछड़ों के हिमायती थे तो क्यों 23 साल तक बिहार में पंचायत चुनाव नहीं कराया. बाद में चुनाव कराया भी तो एससी-एसटी तबके के लिए आरक्षण की व्यवस्था नहीं की, जबकि स्पष्ट प्रावधान है कि पिछड़ों के लिए आरक्षण की व्यवस्था करें. यह हमारी सरकार थी जिसने बिहार पंचायत चुनाव में पिछड़ों के लिए आरक्षण की व्यवस्था की ताकि वह भी समाज में आगे बढ़ सकें.
जिसने बिहार पंचायत चुनाव में पिछड़ों के लिए आरक्षण की व्यवस्था की ताकि वह भी समाज में आगे बढ़ सकें. सुशील मोदी ने कहा कि आज 16 सौ से ज्यादा मुखिया अतिपिछड़ा समाज से बने हैं तो यह एनडीए सरकार की ही देन है. उन्होंने कहा कि आज मेडिकल कॉलेज में ओबीसी कोटा, केंद्रीय विद्यालय, मिलिट्री स्कूलों और नवोदय में 27 फीसदी आरक्षण पिछड़ों के लिए आरक्षित किया गया है. इसके कारण चार लाख पिछड़े वर्ग के बच्चों को बेहतर शिक्षा देने की व्यवस्था नरेंद्र मोदी सरकार ने की है.
उन्होंने कहा कि मैं कांग्रेस से यह जानना चाहता हूं कि उन्होंने क्यों नहीं पिछड़ा वर्ग को संवैधानिक अधिकार दिए? जबकि वह खुद को पिछड़ों का हिमायती बताती रही है. इस दौरान लंबे समय तक नीतीश कुमार के साथ काम कर चुके सुशील मोदी से जब पीएम मेटेरियल पर सवाल किया गया तो उन्होंने इस पर चुप्पी साध ली. कहा कि यह कोई मुद्दा नहीं है.