Bihar News: पटना की एक विशेष अदालत में शुक्रवार को करोड़ों रुपए के मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में जेल में बंद बिहार के पूर्व विधायक गुलाब यादव को 7 दिनों की रिमांड पर ईडी को सौंपने का आदेश दिया है. अब गुलाब यादव से ईडी पूछताछ करेगी. वहीं इस मामले में फंसे जेल में बंद आइएएस अधिकारी संजीव हंस से भी ईडी ने सवाल-जवाब किए हैं. अब संजीव हंस और गुलाब यादव को आमने-सामने बैठाकर ईडी पूछताछ कर सकती है. इस भ्रष्टाचार मामले में कई खुलासे अब और होने की संभावना है.
अब गुलाब यादव की भी मिली रिमांड
प्रवर्तन निदेशालय की विशेष अदालत के न्यायाधीश सह प्रधान जिला व सत्र न्यायाधीश रूपेश देव की अदालत में मंगलवार को एक याचिका दाखिल कर इडी ने गुलाब यादव से हिरासती पूछताछ के लिए 14 दिनों के पुलिस रिमांड पर सौंपे जाने की प्रार्थना की थी. आवेदन पर सुनवाई के बाद विशेष अदालत ने इडी की प्रार्थना आंशिक रूप से स्वीकार करते हुए यादव को 7 दिनों के पुलिस रिमांड पर हिरासती पूछताछ के लिए इडी को सौंपे जाने का आदेश दिया है. दूसरी ओर इसी मामले में जेल में बंद शादाब खान, प्रवीण चौधरी और पुष्पराज बजाज से हिरासती पूछताछ के लिए इडी की तरफ से दाखिल की गई याचिका पर सुनवाई के बाद विशेष अदालत आज अपना आदेश शनिवार तक के लिए सुरक्षित रख लिया.
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आमने-सामने बैठकर ईडी के सवालों का करेंगे सामना
शुक्रवार को इडी की विशेष कोर्ट में सुनवाई के बाद कोर्ट ने बेउर जेल अधीक्षक को निर्देश दिए कि गुलाब यादव को सात दिनों की रिमांड पर ईडी को सौंप दिया जाए.अब इडी गुलाब और संजीव को एक साथ बिठाकर भी सवाल करेगी.जिसमें दोनों की दोस्ती कैसे हुई, दोनों की पत्नी बिजनेस पार्टनर किस तरह से बनी.और संजीव हंस ने गुलाब यादव को किस तरह से मदद की.
करोड़ों रुपयों की अवैध उगाही का है मामला
गौरतलब है कि इडी आइएएस संजीव हंस के खिलाफ अवैध धन शोधन के मामले में जांच कर रही है. जांच के दौरान आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का मामला दर्ज किया गया. जांच के दौरान ही इडी ने अभियुक्तों से लंबी पूछताछ की साथ ही कई स्थानों पर छापेमारी भी की और उसके बाद पूर्व विधायक गुलाब यादव, प्रवीण चंद्रा और शादाब खान को दिल्ली से, संजीव हंस को पटना में और कोलकाता से पुष्पराज बजाज को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. मामला करोड़ों रुपयों का अवैध रूप से धन शोधन का है. अवैध धन शोधन निवारण अधिनियम प्रिवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत प्रवर्तन निदेशालय इडी इस मामले में मुकदमा संख्या इसीआइ दर्ज कर जांच कर रहीहै.