Bihar News: कौन है IAS संजीव हंस का करीबी प्रवीण चौधरी? ईडी के रडार पर आया दिल्ली में खरीदा गया फ्लैट
Bihar News: बिहार के IAS संजीव हंस की पत्नी भी काली कमाई के खेल में घिरी हैं. वहीं संजीव हंस के करीबी प्रवीण चौधरी के ठिकाने पर भी छापेमारी की गयी. जानिए पूरी कहानी...
Bihar News: बिहार कैडर के 1997 बैच के आइएएस अधिकारी संजीव हंस और झंझारपुर के पूर्व राजद विधायक गुलाब यादव को शुक्रवार को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया. दोनों के ऊपर आय से अधिक संपत्ति बनाने, यौन शोषण और हवाला से पैसे ट्रांसफर करने जैसे कई संगीन आरोप हैं. स्मार्ट प्रीपेड मीटर कंपनी से रिश्वत में रिसार्ट खरीदने तथा मर्सीडीज लेने के मामले में संजीव हंस ईडी के रडार पर आये थे. संजीव हंस ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव पद पर थे. उनके काले कारनामों की हकीकत जब सामने आने लगी तो एक के बाद एक करके कई खुलासे होने लगे थे. आखिरकार उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. संजीव हंस की गिरफ्तारी से पहले उनके एक करीबी के भी ठिकाने पर छापेमारी हुई.
प्रवीण चौधरी के ठिकाने पर भी छापेमारी
ईडी ने शुक्रवार को पटना में संजीव हंस के आवास के साथ ही दिल्ली में उनके करीबियों के भी ठिकाने पर छापेमारी थी. ईडी की दबिश जिन लोगों के ठिकानों पर हुई उनमें एक नाम प्रवीण चौधरी का था. प्रवीण चौधरी मूल रूप से मधुबनी का रहने वाला है. वह संजीव हंस और पूर्व विधायक गुलाब यादव का करीबी है. प्रवीण चौधरी ने दिल्ली के आनंद निकेतन में मार्च 2023 में 9.25 करोड़ में एक फ्लैट खरीदा था.
कौन है प्रवीण चौधरी? जिसके फ्लैट में रहती हैं मोना हंस
आनंद निकेतन के सी-35 भवन की तीसरी मंजिल पर संजीव हंस की पत्नी मोना हंस और उनका परिवार रहता है. इस फ्लैट की कहानी यह है कि यह फ्लैट प्रवीण चौधरी का है. प्रवीण चौधरी कई बड़ी कंपनियों में सब-कांट्रैक्टर का काम करता है. केईसी इंटरनेशनल, यूनिवर्सल केबल्स समेत अन्य कंपनियों से वह जुड़ा है. ऊर्जा विभाग के लिए वेंडर के तौर पर प्रवीण चौधरी एक अगस्त 2024 से वेंडर के तौर पर काम कर रहा था. प्रवीण चौधरी ने मार्च 2023 में 9.25 करोड़ में दिल्ली में इस फ्लैट को खरीदा था.
मोना हंस और गुलाब यादव का साझा कारोबार
संजीव हंस की पत्नी मोना हंस उर्फ हरलोविलीन कौर और पूर्व विधायक गुलाब यादव ने पुणे में मेसर्स प्रोग्रोथ इंटरप्राइजेज नाम की एक कंपनी साथ मिलकर खोली. सीएनजी पंप का संचालन ये कंपनी करती है. इस कंपनी के बैंक खाते में तीन बार में 15 लाख रुपए भेजे गए थे.जिस जमीन पर यह पंप मौजूद है, वह गुलाब यादव की पत्नी अंबिका यादव के नाम पर है. पुणे में इनके मित्र दविंद्र सिंह ने भी नौ लाख रुपये मोना हंस के खाते में ट्रांसफर किए थे. काली कमाई के लेनदेन में इनकी भूमिका भी संदिग्ध है. संजीव हंस के कहने पर गुलाब यादव ने देविंद्र सिंह को लाखों रुपए कैश दिए थे. ईडी अब परत दर परत मामलों के तह में जा रही है. बता दें कि संजीव हंस और गुलाब यादव की पत्नी भी इन मामलों में नामजद हैं.