संवाददाता, पटना
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री डॉ दिलीप जायसवाल ने जमीन सर्वे के मामले में बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि जमीन पर जिनका कब्जा है और गांव वाले भी इसकी पुष्टि कर रहे हैं, साथ ही पहले से दस्तावेज में उनका नाम भी है, तो सर्वे में उनका नाम दर्ज होगा. बाद में किसी को दिक्कत है तो टाइटल सूट या सिविल सूट कर सकते हैं. सर्वे पर आपत्ति के बारे में उन्होंने स्पष्ट किया कि एक साल में तीन-तीन महीने पर तीन बार आपत्ति करने का मौका देंगे. पहली आपत्ति बंदोबस्त पदाधिकारी, दूसरी आपत्ति भूमि सुधार उपसमाहर्ता और तीसरी आपत्ति एडिशनल कलक्टर के यहां की जा सकेगी. डॉ जायसवाल ने यह बातें मंगलवार को भाजपा प्रदेश मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत में कहीं. पत्रकारों से बातचीत में मंत्री डॉ दिलीप जायसवाल ने जमीन सर्वे के बारे में कहा कि अब तक करीब 22 हजार गांवों में ग्राम सभा लगाई जा चुकी है. सारे कागजात पोर्टल पर हमारे राजस्व कर्मचारी के पास उपलब्ध है. उन्होंने स्पष्ट किया कि गांव में परिवार के लोग अपनी जमीन आपसी रूप से बांट लेते हैं. यदि वे वंशावली और आपसी सहमति देंगे तो सर्वे में उनके बताये अनुसार ही जमीन का विवरण दर्ज होगा. सर्वे के दौरान अधिकारियों द्वारा भ्रष्टाचार के बारे में उन्होंने कहा कि पब्लिक डोमेन में अपना नंबर डाल दिया है. सोमवार को 567 कॉल आये. 200 कॉल संबंधित अधिकारियों ने देखा. यदि सर्वे में कोई पैसा मांगेगा तो उसे सजा देने का काम राजस्व मंत्री का है. उन्होंने लोगों को संदेश दिया है कि यदि किसी के पास कागजात नहीं है तो उनको कागजात देने का भरपूर मौका दिया जायेगा. मंत्री डॉ दिलीप जायसवाल ने कहा कि 1890 में सीएस सर्वे शुरू हुआ था. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में जो काम 130 साल में नहीं हुआ, वह काम सरकार करवाने जा रही है. इसमें किसी भी तरह का विवाद नहीं होगा. यह केवल विपक्ष का सपना है.
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