पटना का इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (IGIMS) पूर्वोत्तर भारत का सबसे बड़ा सरकारी आंख का अस्पताल बनने जा रहा है, जहां मरीजों को आधुनिक इलाज की सुविधा मिलेगी. सब कुछ ठीक रहा तो यह सुविधा मरीजों को अगले महीने के 06 सितंबर तक मिलने लगेगी. छह सितंबर को ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा नये अस्पताल का उद्घाटन करेंगे. सोमवार की इसकी तैयारी का जायजा लेने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आइजीआइएमएस पहुंचे, जहां उन्होंने नये नेत्र रोग विभाग भवन का निरीक्षण किया.
निरीक्षण के क्रम में मुख्यमंत्री ने ग्राउंड, फर्स्ट व सेकेंड फ्लोर तक गये और वहां के निर्माण कार्यों का जायजा लिया. मुख्यमंत्री फस्ट फ्लोर पर जाकर ओपीडी, वार्ड एरिया, ऑपरेशन थियेटर रूम, जनरल वार्ड आदि का निरीक्षण किया. स्वास्थ्य विभाग केे अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने मुख्यमंत्री को 188 करोड़ रुपये की लागत से बन रहे कुल 154 बेड के इसे नेत्र रोग अस्पताल की जानकारी दी.
अब बिहार के मरीजों को नहीं जाना पड़ेगा दूसरे प्रदेश
मुख्यमंत्री ने आइजीआइएमएस में बन रहे 500 व 1200 बेड के नये अस्पताल के निर्माण कार्य में तेजी लाने का निर्देश दिया. इसके निर्माण के बाद आइजीआइएमएस कुल 2500 बेड का हो जायेगा. स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने बताया कि संस्थान में बन रहे नये आधुनिक आंख के अस्पताल में सभी तरह की सुविधाएं उपलब्ध हैं. इसके शुरू हो जाने के बाद अब बिहार के मरीजों को दूसरे प्रदेश में आंख के इलाज को लेकर चक्कर काटने की जरूरत नहीं पड़ेगी. सभी सुविधाएं मरीजों को एक छत के नीचे मिल जायेंगी.
मुख्यमंत्री को सुविधाओं के बारे में कराया अवगत
आइजीआइएमएस के उपनिदेशक व क्षेत्रीय चक्षु संस्थान के अध्यक्ष डॉ विभूति प्रसन्न सिन्हा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को नये नेत्र रोग विभाग की आधुनिक सुविधाओं के बारे में अवगत कराया. यहां कार्निया एंड रिफ्रेक्टिव, ग्लूकोमा, रेटिना, आंखें के पर्दे, यूबिया, मोतियाबिंद के इलाज की बेहतर सुविधा होगी. इसके अलावा यहां पीडियाट्रिक एवं न्यूरो ऑपथैल्मोलॉजी का भी इलाज किया जायेगा. इस चक्षु अस्पताल में 24 घंटे इमरजेंसी की सुविधा भी मरीजों को उपलब्ध होगी. मरीजों के लिए 12 मॉड्यूलर ऑपरेशन थियेटर बनाये गये हैं. बेहतर चिकित्सा अध्ययन की सुविधा व विशिष्ट चिकित्सा सुविधा के लिए सरकार द्वारा एक सुपर स्पेशियलिटी चिकित्सा संस्थान के रूप में आइजीआइएमएस की स्थापना की गयी है.
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बचे हुए कार्य को तेजी से पूर्ण करने का निर्देश
निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से कहा कि इस विशिष्ट अस्पताल के बचे हुये कार्यों का निर्माण कार्य तेजी से पूर्ण करें. इसके निर्माण कार्य पूर्ण होने के बाद आंख से संबंधित रोगों का विशिष्ट तरीके से इलाज होगा, जिससे मरीजों को काफी सहूलियत होगी. राज्यवासियों को इस अस्पताल के रूप में आंख के रोगों के बेहतर इलाज के लिए एक और विकल्प मिलेगा. मुख्यमंत्री ने आइजीआइएमएस की व्यवस्थाओं के संबंध में भी अधिकारियों से जानकारी ली.