Patna News : आइजीआइएमएस में 70% सस्ती मिलेंगी 473 तरह की ब्रांडेड दवाएं
आइजीआइएमएस में मरीजों को नि:शुल्क जेनेरिक दवाओं के साथ ही ब्रांडेड दवाएं 60 से 70 फीसदी कम कीमत पर मिलेंगी. इसके लिए संस्थान प्रशासन ने 473 तरह की दवाओं के लिए निविदा निकाली है़
आनंद तिवारी, पटना : आइजीआइएमएस में सुपर स्पेशलिटी इलाज के साथ अब ब्रांडेड कंपनियों की सस्ती दवाएं भी मिलेंगी. अस्पताल परिसर में बने सेंट्रल ड्रग स्टोर (केंद्रीय औषधि शाला) में ब्रांडेड दवाएं रखी जायेंगी, जहां से अस्पताल में बने पांच वार्डों के मेडिकल स्टोर पर सप्लाइ की जायेंगी. इनमें इमरजेंसी समेत अन्य पांच वार्ड शामिल हैं. इन मेडिकल स्टोर पर मरीजों को जेनेरिक के साथ-साथ ब्रांडेड दवाएं बाजार से 60 से 70 फीसदी कम कीमत पर मरीजों को दी जायेंगी. संस्थान प्रशासन की ओर से 473 तरह की दवाओं के लिए निविदा निकाल दी गयी है, जिसकी अंतिम तिथि छह जनवरी है. वर्तमान में दिल्ली व पटना एम्स, एसजीपीजीआइ लखनऊ में ब्रांडेड कंपनियों का विकल्प चुनने की सुविधा दी जा रही है.
पांच से अधिक ब्रांडेड कंपनियां रहेंगी शामिल, मरीज चुन सकेंगे विकल्प
दवाओं के लिए पांच से अधिक ब्रांडेड कंपनियों को शामिल किया जायेगा. इनमें मरीज अपने च्वाइस के अनुसार ब्रांड की दवाएं चुन सकेंगे. इनमें सबसे अधिक 203 तरह के इंजेक्शन हैं. बाकी टैबलेट, जेली व सर्जिकल आइटम शामिल हैं. संस्थान प्रशासन के मुताबिक अगर कोई ब्रांडेड दवा बाजार में 100 रुपये की मिल रही है और वह दवा सरकारी स्तर पर संस्थान में उपलब्ध नहीं है, तो मरीज 30 से 40 रुपये खर्च कर दवा ले सकते हैं. छह जनवरी तक निविदा की अंतिम तारीख है. इसके बाद टेंडर प्रक्रिया पूरी होते ही कंपनियों की दवाओं का स्टॉक पहुंच जायेगा.
रोज ओपीडी में आते हैं 3500 से 4000 मरीज
आइजीआइएमएस की ओपीडी में वर्तमान में 3500 से 4000 से अधिक मरीज रोजाना आ रहे हैं, जबकि इमरजेंसी में रोजाना 150 से अधिक मरीज भर्ती होते हैं. आइसीयू, कार्डियोलॉजी, शिशु रोग, नेत्र रोग विभाग, गैस्ट्रो सर्जरी, कैंसर, यूरोलॉजी, किडनी समेत अलग-अलग वार्डों में रोजाना 200 से 250 नये मरीज भर्ती होते हैं. यहां करीब 1550 बेड पर मरीज भर्ती हैं. वहीं, संस्थान के डॉक्टरों ने बताया कि वर्तमान में पांचों मेडिकल स्टोर पर स्वास्थ्य विभाग के बीएमआइसीएल की ओर से दी जाने वाली नि:शुल्क दवाएं रखी गयी हैं. वहीं, जेनरिक के अलावा ब्रांडेड कंपनियों की दवाएं भी उपलब्ध रहेंगी.
क्या कहते हैं मेडिकल सुपरिटेंडेंट
आइजीआइएमएस के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ मनीष मंडल ने बताया कि मरीजों का ख्याल रखते हुए संस्थान में कई नयी सुविधाएं शुरू की जा रही हैं. इसी क्रम में न्यूनतम दर पर ब्रांडेड दवाओं के लिए भी टेंडर जारी किया गया है, जिसकी अंतिम तारीख छह जनवरी, 2025 है. इसके तहत अब नि:शुल्क जेनेरिक के अलावा ब्रांडेड कंपनियों की दवाओं का विकल्प भी मरीजों के लिए रहेगा. अगर किसी कारण जेनेरिक दवाएं नहीं मिलती हैं, तो मरीज विकल्प के तौर पर अलग-अलग कंपनियों की ब्रांडेड दवाएं ले सकते हैं. मरीज के परिजनों को आर्थिक परेशानी नहीं हो, इसको देखते हुए 60 से 70 प्रतिशत कम दाम में दवाओं का विकल्प रखा गया है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है