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कैंपस : 2025 में आइआइटी कानपुर करवा सकता है जेइइ एडवांस्ड, 25 मई 2025 को संभावित

देश की सबसे प्रतिष्ठित व कठिनतम इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा जेइइ एडवांस्ड के आयोजन की घोषणा अक्तूबर माह में प्रस्तावित है

-हर छह वर्षों के अंतराल पर रोटेशन से मिलती है परीक्षा की जिम्मेदारी

-मई के अंतिम रविवार 25 मई, 2025 को परीक्षा संभावित

-इससे पहले 2011 और 2018 में परीक्षा करवा चुका है आइआइटी कानपुर

– जल्द जारी होगा जेइइ मेन का शेड्यूल

संवाददाता, पटना

देश की सबसे प्रतिष्ठित व कठिनतम इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा जेइइ एडवांस्ड के आयोजन की घोषणा अक्तूबर माह में प्रस्तावित है. इससे पूर्व सितंबर के दूसरे या तीसरे सप्ताह में जेइइ मेन का कैलेंडर जारी किया जा सकता है. जेइइ-मेन का आयोजन नेशनल टेस्टिंग एजेंसी द्वारा करवाया जाता है, वहीं जेइइ एडवांस्ड के आयोजन की जिम्मेदारी किसी भी पुराने आइआइटी को दी जाती है. यदि पिछले 14 वर्षों के परीक्षा के आयोजन के पैटर्न को देखें तो इस वर्ष यह जिम्मेदारी आइआइटी कानपुर को दी जा सकती है. उल्लेखनीय है कि जेइइ एडवांस्ड में शामिल होने वाले स्टूडेंट्स की संख्या हर वर्ष बढ़ रही है. गत वर्ष 2024 में पिछले 12 वर्षों के मुकाबले सबसे ज्यादा एक लाख 80 हजार 200 स्टूडेंट्स ने परीक्षा दी थी. जानकारी के अनुसार गत कई वर्षों से जेइइ एडवांस्ड परीक्षा मई के अंतिम सप्ताह में अंतिम रविवार को ही हो रही है. ऐसे में वर्ष 2025 में 25 मई को जेइइ एडवांस्ड परीक्षा संभावित है. इस वर्ष 2024 में 26 मई को एडवांस्ड परीक्षा हुई.

यह है परीक्षा आयोजन का पैटर्न

आइआइटी में प्रवेश के लिए प्रवेश परीक्षाएं अलग-अलग नामों से आइआइटीज द्वारा ही आयोजित की जाती रही हैं. वर्ष 2012 तक आइआइटी-जेइइ के नाम से, वर्ष 2013 से अब तक जेइइ एडवांस्ड के नाम से यह परीक्षा हो रही है. वर्ष 2011 में आइआइटी जेइइ एडवांस्ड परीक्षा को करवाने व परीक्षा का पेपर बनाने की जिम्मेदारी हर छह वर्ष बाद रोटेशन में उसी आइआइटी को दी जाती है. जेइइ एडवांस्ड वर्ष 2012 में आइआइटी दिल्ली, 2013 में आइआइटी दिल्ली, वर्ष 2014 में खड़गपुर, 2015 में बॉम्बे, 2016 में गुवाहाटी, 2017 में मद्रास, 2018 में फिर आइआइटी कानपुर, वर्ष 2019 में रूड़की, वर्ष 2020 में फिर आइआइटी दिल्ली, वर्ष 2021 में आइआइटी खड़गपुर, वर्ष 2022 में फिर बॉम्बे, वर्ष 2023 में फिर आइआइटी गुवाहटी व वर्ष 2024 में फिर आइआइटी मद्रास ने परीक्षा करवायी.

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पिछले वर्षों के प्रश्न पत्रों के सवालों के रिपीट होने की संभावनाएं न के बराबर होती:

जेइइ एडवांस्ड परीक्षा में कितने नंबर के कितने प्रश्न पूछे जाते हैं, यह कभी भी पहले से नहीं बताया जाता. न ही पेपर की मार्किंग स्कीम पहले से निर्धारित करके सूचित किया जाता है. स्टूडेंट्स को एडवांस्ड परीक्षा में एग्जाम हॉल में पेपर से आधा घंटा पहले दिये गये इंस्ट्रक्शंस में ही नंबर ऑफ क्वेश्चन व मार्किंग स्कीम के बारे में लिखा हुआ मिलता है, इसमें प्रश्न मैचिंग लिस्ट टाइप, इंटीजर टाइप, सिंगल करेक्ट, मल्टीपल करेक्ट कम्प्रिहेंशन पैरेग्राफ बेस्ड जैसे अलग-अलग पैटर्न पर सवाल पूछकर स्टूडेंट्स को परखा जाता है. इस परीक्षा में पिछले वर्षों के प्रश्न पत्रों के सवालों के रिपीट होने की संभावनाएं न के बराबर होती हैं. गत चार वर्षों से जेइइ एडवांस्ड में पेपर-1 एवं पेपर-2 दोनों 180 मार्क्स एवं पूरा पेपर 360 मार्क्स का हुआ था, जिनमें फिजिक्स, केमिस्ट्री व मैथ्स का पेपर 120 मार्क्स का हुआ.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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