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IIT पटना और AIIMS हेल्थकेयर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर करेगा काम, डॉक्टर्स को इलाज में होगी सुविधा

आइआइटी के निदेशक प्रो टीएन सिंह ने कहा कि आज के दौर में मेडिकल के क्षेत्रों में एआइ के उपयोगिता बढ़ गयी है. आने वाले समय में एआइ पर और भी अधिक काम होगा. डॉक्टर्स को सटीक और तुरंत जानकारी के साथ निदान मिल जाए इसके लिए भी आइआइटी काम कर रहा है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 4, 2022 4:37 AM

पटना. आइआइटी पटना में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) फॉर हेल्थकेयर टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट विषय पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आइआइटी के निदेशक प्रो टीएन सिंह ने कहा कि आज के दौर में मेडिकल के क्षेत्रों में एआइ के उपयोगिता बढ़ गयी है. आने वाले समय में एआइ पर और भी अधिक काम होगा. डॉक्टर्स को सटीक और तुरंत जानकारी के साथ निदान मिल जाए इसके लिए भी आइआइटी काम कर रहा है. आइआइटी और एम्स जैसे संस्थानों को मानव जाति की मदद के लिए मिलकर काम करने की जरूरत है.

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की भूमिका के बारे में विस्तार से बताया गया

कार्यक्रम में एम्स पटना के फिजियोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ त्रिभुवन कुमार ने चिकित्सा के क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की भूमिका के बारे में विस्तार से बताया. उन्होंने रोगी डेटा बेस का उचित उपयोग कर के बीमारियों का सटीक पता लगाने और निदान करने के लिए इसका उपयोग करने के बारे में जानकारी दी.

मेडिकल क्षेत्रों में लगातार शोध चल रहा है

एसोसिएट डीन ऑफ रिसर्च एंड डेवलपमेंट डॉ अनूप केशरी ने कहा कि मेडिकल के क्षेत्र में लगातार शोध चल रहा है. आने वाले दिनों में मेडिकल क्षेत्रों में बीमारी का तुरंत पता चल जायेगा. कार्यक्रम का समन्वय इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग के डॉ महेश कोलेकर और मानविकी के साथ सामाजिक विज्ञान विभाग की डॉ मेघना दत्ता द्वारा किया गया है.

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मानव चाल विश्लेषण में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग

कार्यक्रम में थापर इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी पटियाला के डॉ देबा प्रसाद दास ने मानव चाल विश्लेषण में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उपयोग पर बात की. आइआइआइटी भागापुर के डॉ चंदन कुमार झा ने इसीजी सिग्नल विश्लेषण का उपयोग करके हृदय रोग का पता लगाने पर बात की.

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