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IIT Patna दूर करेगा सुरंग एवं पहाड़ी रास्ते में आने वाली कठिनाइयों को, NHIDCL के साथ हुआ समझौता

आइआइटी पटना नयी परियोजनाओं की अवधारणा, रचना और परियोजना तैयार करने में एनएचआइडीसीएल की मदद करेगा. इसके लिए आईआईटी पटना और एनएचआइडीसीएल ने एक एमओयू साइन किया है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 2, 2022 3:07 PM

IIT पटना अब जल के अंदर सुरंग व पहाड़ी नुमा रास्तों की संरचना को विकसित करने का काम करेगा. राजमार्ग में नयी तकनीक के विकास पर बीते दिनों आइआइटी में एक बैठक हुई थी. राष्ट्रीय राजमार्ग एवं अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (NHIDCL) के अधिकारियों ने आइआइटी पटना का दौरा कर अधिकारियों के साथ यह बैठक की थी. बैठक में राजमार्ग निर्माण के क्षेत्र में नए विचारों और प्रौद्योगिकियों पर ज्ञान साझा किया गया.

आइआइटी पटना व एनएचआइडीसीएल ने साइन किया एमओयू

गौरतलब है कि 11 अक्तूबर को आइआइटी पटना व एनएचआइडीसीएल के साथ एक एमओयू साइन हुआ था. इसी के तहत दोनों टीम की बैठक में राजमार्ग निर्माण में नयी तकनीक पर चर्चा की गई. बैठक में चंचल कुमार ने पहाड़ी ढलानों की स्थिरता के संदर्भ में पहाड़ी इलाकों में राजमार्गों के निर्माण के दौरान और तत्पश्चात, एनएचआइडीसीएल के सामने आने वाली चुनौतियों पर प्रकाश डाला.

पूर्वोत्तर राज्यों में संरचनाओं के निर्माण में आने वाली कठिनाइयों पर चर्चा

बैठक में पूर्वोत्तर राज्यों में कई नदियों, धाराओं पर नयी या मौजूदा संरचनाओं के निर्माण और सुरक्षा में आने वाली कठिनाइयों पर प्रमुखता से चर्चा की गयी. असैनिक एवं पर्यावरण, इलेक्ट्रिकल और मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रमुखों ने ऐसे क्षेत्रों में राजमार्ग निर्माण में सुधार के लिए चल रही संबंधित परियोजनाओं और नवीन विचारों को प्रस्तुत किये.

विकास में सहयोग प्रदान करने से होगी खुशी 

प्रो टीएन सिंह ने कहा की उन्हें भू-तकनीकी जांच, भूवैज्ञानिक अध्ययन, रॉक स्लोप इंजीनियरिंग, भूमिगत उत्खनन, ढलान स्थिरता, परिवहन अभियांत्रिकी के क्षेत्र में रचना, विश्लेषण और जांच के लिए एवं विभिन्न राजमार्ग परियोजनाओं के विकास में आइआइटी पटना के माध्यम से सहयोग प्रदान करते हुए खुशी होगी.

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एनएचआइडीसीएल की मदद करेगा आइआइटी पटना

आइआइटी पटना नयी परियोजनाओं की अवधारणा, रचना और परियोजना तैयार करने में एनएचआइडीसीएल की मदद करेगा और बेहतर सामाजिक-आर्थिक परिणाम के लिए क्षेत्रीय जलवायु, स्थल कृति और संसाधन क्षमता के विशिष्ट अनुभव के आधार पर प्रासंगिक मानकों और नवाचारों का सुझाव देगा.

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