IIT पटना के 12 प्रोफेसर दुनिया भर के शीर्ष दो प्रतिशत वैज्ञानिकों की सूची में
आईआईटी पटना के 12 प्रोफेसर को अमेरिका की स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी ने दुनिया के शीर्ष दो प्रतिशत वैज्ञानिकों की लिस्ट में जगह दी हैं. वहीं इससे पहले 2021 में भी आईआईटी पटना के 11 प्रोफेसर को इस लिस्ट में जगह मिली थी.
पटना. अमेरिका की स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी ने दुनिया भर में शीर्ष दो प्रतिशत वैज्ञानिकों की सूची जारी की है. इस सूची में आइआइटी पटना के 12 प्रोफेसर शामिल हैं. इसमें से 11 प्रोफेसर पिछले बार भी दुनिया के दो प्रतिशत वैज्ञानिक की लिस्ट में शामिल हुए थे. इस बार भी वह 11 नाम शामिल है. पहली बार इसमें एक नया नाम डॉ रंजन कुमार बेहरा का जुड़ा है.
कौन कौन से प्रोफेसर हैं लिस्ट में
इस बार दो प्रतिशत वैज्ञानियों की लिस्ट में शामिल होने वाले आइआइटी पटना के डॉ रिचा चौधरी (सामाजिक विज्ञान), डॉ सुरजीत कुमार पॉल (मैकेनिकल इंजीनियरिंग), डॉ प्रतिभामोय दास(गणित), डॉ श्रीपर्णा साहा व डॉ आसिफ इकबाल (कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग), डॉ अनिर्बान भट्टाचार्या (मैकेनिकल), डॉ अमरनाथ हेगड़े (सिविल इंजीनियरिंग), प्रो नवीन कुमार निश्चल व डॉ सौम्यज्योति रे (फिजिक्स), डॉ उदित सतीजा, डॉ रंजन कुमार बेहरा व डॉ महेश कुमार एच कोलेकर (इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग) शामिल हैं.
2021 में 11 प्रोफेसर इस लिस्ट में शामिल हुए थे
इससे पहले पिछली बार 2021में भी आइआइटी पटना के 11 प्रोफेसर इस लिस्ट में शामिल हुए थे. नये नाम में केवल इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के डॉ रंजन कुमार बेहरा का नाम जुड़ा है. अमेरिका का स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी हर साल दुनिया भर के शीर्ष दो प्रतिशत शोधकर्ताओं के लिए उनके शोध प्रकाशनों के आधार पर डेटा जारी करता है. यह डेटा एल्सेवियर के प्रकाशक की ओर से प्रकाशित किये जाते हैं.
12 सदस्यों ने स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के डेटाबेस में अपना स्थान बनाया
फील्ड और सबफील्ड-विशिष्ट पर्सेंटाइल उन सभी वैज्ञानिकों के लिए भी प्रदान किये जाते हैं, जिन्होंने कम-से-कम शोध में पांच पेपर प्रकाशित किये हैं. आइआइटी पटना ने इस उपलब्धि के लिए बधाई दी है. संस्थान की ओर से बताया गया है कि भारत के कुछ प्रतिष्ठित संस्थानों में से एक आइआइटी पटना के 12 प्रोफेसरों को दो प्रतिशत वैज्ञानिकों में जगह मिली है. यह बड़ी उपलब्धि है. इंजीनियरिंग, विज्ञान और मानविकी की विभिन्न शाखाओं से आइआइटी पटना के 12 सदस्यों ने स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के डेटाबेस में अपना स्थान बनाया है.