बिहार के आईआईटीयन ने किसानों के लिए बनाया अनोखा यंत्र, खड़ी फसलों को जानवरों, पक्षियों और चोरों से बचाने का निकाला उपाय
भागलपुर में अजित नाम के एक आईआईटीयन ने खड़ी फसलों को जानवरों, पक्षियों और चोरों से बचाने का उपाय निकाला है. इसके लिए उन्होंने एक यंत्र बनाया गया है. IIT-खड़गपुर के पूर्व छात्र अजीत कुमार ने इसे फार्म सर्विलांस कम एनिमल स्केयर डिवाइस (FSASD) नाम दिया है. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) पर आधारित, एफएसएएसडी एक कम्प्यूटरीकृत इलेक्ट्रॉनिक सेंसर डिवाइस है, जो खेत और फसलों की निगरानी करता है. इस यंत्र में कैमरे का उपयोग किया गया है जो दिन और रात दोनों में अपना काम करता है.एआई-आधारित एल्गोरिदम के जरिये चलने वाला यह यंत्र लगातार खेतों और फसलों की निगरानी करता है.
भागलपुर में अजित नाम के एक आईआईटीयन ने खड़ी फसलों को जानवरों, पक्षियों और चोरों से बचाने का उपाय निकाला है. इसके लिए उन्होंने एक यंत्र बनाया गया है. IIT-खड़गपुर के पूर्व छात्र अजीत कुमार ने इसे फार्म सर्विलांस कम एनिमल स्केयर डिवाइस (FSASD) नाम दिया है.
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) पर आधारित, एफएसएएसडी एक कम्प्यूटरीकृत इलेक्ट्रॉनिक सेंसर डिवाइस है, जो खेत और फसलों की निगरानी करता है. इस यंत्र में कैमरे का उपयोग किया गया है जो दिन और रात दोनों में अपना काम करता है.एआई-आधारित एल्गोरिदम के जरिये चलने वाला यह यंत्र लगातार खेतों और फसलों की निगरानी करता है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, एफएसएएसडी के प्रोटोटाइप का उपयोग बड़े पैमाने पर भागलपुर जिले में किया जा रहा है. यहां कहलगांव उपखंड के खीरीघाट, अंतीचक और कई अन्य गांवों में कृषि क्षेत्रों और खेतों में किया गया है.
अजीत ने यह दावा किया है कि इस यंत्र का परीक्षण पूरी तरह सफल रहा है. कृषि फार्म में प्रवेश करने वाले जानवरों, पक्षियों और चोरों को डराने के लिए एफएसएएसडी में एक तेज सायरन लगा होता है. यह यंत्र किसान को उसके मोबाइल नंबर पर एक अलर्ट रूपी संदेश भी भेजता है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, यंत्र बनाने वाले अजीत का यह दावा है कि इस यंत्र के माध्यम से विज्यूअल-फोटो कैप्चर किया जाता है. इस यंत्र को बैटरी के सहारे चलाया जाता है और बैटरी को खेतों में ही सोलर सिस्टम के तहत चार्ज कर सकते हैं. भागलपुर जिले के कहलगांव अनुमंडल के निवासी अजीत मैकेनिकल इंजीनियर हैं. उन्होंने मुंबई में एक निजी क्षेत्र में अपनी नौकरी छोड़ दी और गांव में अपना स्टार्टअप चला रहे हैं.
POSTED BY: Thakur Shaktilochan