पटना में करोड़ों का है सुनहरे रेत का काला कारोबार, वर्चस्व को लेकर यहां चलती हैं गोलियां

बालू के अवैध धंधे पर कब्जे के लिए जहां पहले फौजिया गिरोह व सिपाही गिरोह के बीच हमेशा टकराव व फायरिंग होती थी, अब कई अन्य ग्रुप इस धंधे में प्रवेश कर गये हैं. पिछले दिनों कोईलवर के सुरौंधा मौजा के समीप मनेर व बिहटा मौजा के दियारा क्षेत्र में फायरिंग हुई थी.

By Prabhat Khabar News Desk | September 30, 2022 6:15 AM

पटना. सोन नदी के सुनहरे रेत का काला कारोबार करोड़ों में है. काले कारोबार को लेकर बिहटा के अमनाबाद में हुए बालू माफियाओं के दो गुटों के बीच हुई भिड़ंत और सैकड़ों राउंड हुई फायरिंग की यह घटना पहली नहीं है. इससे पहले भी बिहटा के अमनाबाद में दो गुटों के बीच भिड़ंत हो चुकी है और लाशें गिर चुकी हैं. इस धंधे पर कब्जे के लिए जहां पहले फौजिया गिरोह व सिपाही गिरोह के बीच हमेशा टकराव व फायरिंग होती थी, अब कई अन्य ग्रुप इस धंधे में प्रवेश कर गये हैं. पिछले दिनों कोईलवर के सुरौंधा मौजा के समीप मनेर व बिहटा मौजा के दियारा क्षेत्र में फायरिंग हुई थी. सिपाही गुट की गोलीबारी में फौजिया गुट के सदस्य प्रमोद पांडेय की मौत हो गयी थी और सिपाही गुट की ओर से दो लोग घायल हो गये थे.

अगस्त में हुई थी दो गुटों के बीच फायरिंग

अगस्त माह में बिहटा के अमनाबाद में दो गुटों के बीच फायरिंग हुई थी. इस दौरान एक-दो लोग घायल भी हुए थे और 15 पाेकलेन मशीनें जला दी गयी थीं. इस घटना के बाद से ही सिपाही व फौजिया गिरोह आमने-सामने आ गये थे. इस मामले में विदेशी राय का भी नाम सामने आया था, जो फिलहाल फौजिया गिरोह से जुड़ा है. बिहटा के अमनाबाद में फिर से दोनों गुट आमने-सामने आ गये और चार लोगों के मौत की आशंका जतायी जा रही है. हालांकि पुलिस ने मौत की पुष्टि नहीं की है.

काफी मुश्किल है छापेमारी करना

सूत्रों का कहना है कि मनेर से लेकर कोईलवर तक का दियारा इलाका ऐसा है कि वहां छापेमारी करना काफी कठिन काम है. बालू उठाव का काम रात में ज्यादा होता है, जिसके कारण पुलिस कुछ नहीं कर पाती है.

फौजिया की हो चुकी है हत्या और सिपाही राय है जेल में बंद

भोजपुर जिले के बड़हरा थाने के फरना निवासी स्व श्रीनिवास सिंह का पुत्र शंकर दयाल सिंह उर्फ फौजिया था. बालू घाट पर कब्जे को लेकर हुई गोलीबारी में उसकी हत्या हो गयी. जबकि उमाशंकर सिंह उर्फ सिपाही पटना जिले के मनेर थाना क्षेत्र की सुअरमरवा पंचायत का मुखिया रह चुका है. उमाशंकर भी सेना में रह चुका है. इसके खिलाफ भी कई मामले हैं. इसे पटना पुलिस की टीम ने फौजिया गुट के सदस्य प्रमोद पांडेय की हत्या समेत दर्जनों आपराधिक मामले में गिरफ्तार कर करीब एक-डेढ़ साल पहले जेल भेज दिया था.

कुछ इस तरह से है पटना और भोजपुर का इलाका

भोजपुर जिले को पटना जिले से जोड़ने वाला मुहई महाल का दोआब क्षेत्र 10 वर्ष पूर्व कोईलवर थाना क्षेत्र में पड़ता था, लेकिन बालू के अवैध उत्खनन से कोईलवर मौजा का क्षेत्र पानी से भर गया़. जिसकी दूरी लगभग एक किलोमीटर हो गयी. जहां अभी अंधाधुंध उत्खनन हो रहा है और गोलीबारी की घटना हुई है, वो बिहटा थाना क्षेत्र का आमनाबाद है.

नावों से होता है बालू का अवैध उत्खनन

सोन नदी के उक्त दोआब क्षेत्र से बालू का उत्खनन वर्षों से जारी है. पूर्व में तत्कालीन भोजपुर जिलाधिकारी पंकज पाल, तत्कालीन पुलिस अधीक्षक सत्यवीर सिंह लाव-लश्कर के साथ पहुंचकर पूरे दिन छापेमारी की थी, जहां से दर्जन भर पोकलेन मशीन, नाव के साथ मजदूरों की गिरफ्तारी हुई थी. इसके बाद से उस क्षेत्र में उत्खनन बंद हो गया था. उक्त घाट पर प्रतिबंध लगते ही बालू कारोबार से जुड़े माफिया किस्म के लोग ठीक विपरीत सुअरमरवा व आमनाबाद से अवैध कटायी शुरू कर दी. प्रतिदिन 40-50 लाख रूपये का कारोबार होता है.

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