Bihar Weather: बिहार में अगले 120 घंटे जारी रहेगा शीतलहर का प्रकोप, पश्चिमी विक्षोभ का दिखेगा प्रभाव
Bihar Weather: पटना मौसम विज्ञान केंद्र ने ताजा अपडेट में बताया कि बिहार में 7 जनवरी तक शीतलहर का प्रकोप जारी रहेगा. इस दौरान लोगों को सूर्य देव का दर्शन नहीं हो सकेगा.
Bihar Weather: तेज पछुआ हवा ने बिहार के अधिकतर इलाकों के लोगों को ठिठुरा दिया है. इसकी वजह से लोगों को गलन और कनकनी महसूस हो रही है. राजधानी पटना सहित अन्य जिलों के न्यूनतम तापमान में गिरावट आने के साथ ठंड में वृद्धि दर्ज की गई है. पटना में बुधवार को अधिकतम तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गई थी. तापमान में कमी के कारण सुबह और शाम में कनकनी का प्रभाव बना हुआ है. ठंड के कारण पटना के स्कूलों के समय में भी परिवर्तन किया गया है. पटना जिले में अधिक ठंड तथा विशेष रूप से सुबह और शाम के समय कम तापमान की स्थिति है, जिसके कारण बच्चों के स्वास्थ्य और जीवन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की संभावना है. पटना के डीएम चंद्रशेखर ने छह जनवरी तक सभी निजी, सरकारी विद्यालयों सहित आंगनबाड़ी केंद्रों में सभी कक्षाओं के लिए शैक्षणिक गतिविधियों पर पूर्वाह्न नौ बजे से पहले एवं अपराह्न चार बजे के बाद संचालन पर रोक लगा दिया है. आदेश में प्री-बोर्ड, बोर्ड की परीक्षा हेतु संचालित किए जाने वाली विशेष कक्षाओं, परीक्षाओं का संचालन इससे मुक्त रखा गया है.
पटना मौसम विज्ञान केंद्र ने क्या बताया
पटना मौसम विज्ञान केंद्र ने अपने पूर्वानुमान में कहा है कि अगले कुछ दिनों तक पूरे राज्य में कोहरा अथवा कुहासे की स्थिति बनी रहेगी. बिहार में दिन में कोहरा या कुहासे की एक विशेष परिस्थिति बन रही है, जिसकी वजह से बिना बादल के सूरज का दिखना मुश्किल हो गया है. मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक अधिकतम तापमान और न्यूनतम तापमान में ज्यादा अंतर नहीं होने के कारण लोग दिन में भी ठंड का एहसास करेंगे. राज्य के अधिकतर क्षेत्रों में अगले एक दो दिनों में तापमान में और गिरावट की संभावना है, जिससे और ठंड बढ़ सकती है.
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वेस्टर्न डिस्टरबेंस का दिखेगा प्रभाव
आइएमडी के मुताबिक बिहार में पश्चिमी विक्षोभ काफी मजबूत स्थिति में है. इसी वजह से कनकनी वाली ठंड महसूस की जा रही है और आने वाले दिनों में भी इसका प्रभाव दिखेगा. वेस्टर्न डिस्टरबेंस से जब पछुआ हवा चलती है, तब पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, यूपी होते हुए बिहार-बंगाल में भी बारिश होती है. इस साल बिहार में शीतकालीन बारिश बहुत कम हुई है जिसका प्रतिकूल असर गेहूं, सरसों, दलहन की फसल पर पड़ रहा है. बता दें कि 1 अक्टूबर से 31 दिसंबर की बारिश सामान्य से 71 फीसदी कम हुई है.
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