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देर रात तक होता रहा मूर्तियों का विसर्जन

मीनार घाट और लॉ कॉलेज घाट पर देर रात तक मूर्तियों का विसर्जन होता रहा. शाम सात बजे तक मीनार घाट में 30 पंडालों में स्थापित होने वाली माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की बड़ी मूर्तियां जबकि एक हजार से अधिक छोटी मूर्तियां विसर्जित की गयी थीं.

दीपावली के पूजन सामग्री विसर्जन के लिए घाटों पर विशेष व्यवस्था

फोटो है

संवाददाता, पटना

मीनार घाट और लॉ कॉलेज घाट पर देर रात तक मूर्तियों का विसर्जन होता रहा. शाम सात बजे तक मीनार घाट में 30 पंडालों में स्थापित होने वाली माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की बड़ी मूर्तियां जबकि एक हजार से अधिक छोटी मूर्तियां विसर्जित की गयी थीं. मीनार घाट पर 80 फीट लंबा और 40 फीट चौड़ा अस्थायी तालाब का निर्माण मूर्ति विसर्जन के लिए दशहरा में किया गया था जिसको दीपावली को ध्यान में रखते हुए दुर्गा पूजा के बाद भी नहीं भरा गया. उसी तालाब में माता लक्ष्मी की मूर्ति विसर्जित की जा रही है. यहां जेसीबी भी लगा था जो विसर्जित करने वाली मूर्तियों को उठा कर तालाब से बाहर कर रहा था और उनके ढांचे को अलग करके उसे हाइवा से डंपिंग यार्ड भेजा जा रहा था. लॉ कॉलेज घाट पर गंगा के पानी के भीतर बैरिकेड लगा कर माता लक्ष्मी और माता काली की मूर्ति विसर्जित करने का प्रबंध किया गया है. लेकिन इस घाट पर शाम सात बजे तक केवल पांच बड़ी मूर्तियां ही विसर्जन के लिए आयी. उनमें भी सभी माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की ही थी और माता काली की एक भी मूर्ति नहीं आयी. इसकी वजह माता काली की प्रतिमा को छठ तक रखने की परंपरा है.

घाटों पर बने विशेष गड्ढ़े में उतरवाया जा रहा था प्लास्टिक का सजावटी सामान

विसर्जन के लिए बने अस्थायी तालाब घाटों पर तैनात नगर निगम के कर्मी विसर्जन के लिए लायी गयी प्रतिमाओं को सजाने में इस्तेमाल किये गये प्लास्टिक के सामान, चुनरी आदि को विसर्जन से पहले घाटों पर बने विशेष गड्ढ़े में उतार कर विसर्जित करने के लिए पूजा समितियों के लोगों को कह रहे थे. पाटीपुल, शिवा और जनार्दन जैसे घाटों पर भी जहां अस्थायी तालाब का निर्माण नहीं किया गया है और बड़ी मूर्तियों के विसर्जन पर रोक है, वहां भी ऐसे गड्ढ़े बनाये गये हैं ताकि छोटी प्रतिमाओं का विसर्जन करने वाले लोगों से भी विसर्जन से पहले प्लास्टिक का सामान अलग करवाया जा सके. पाटलिपुत्रा अंचल के कार्यपालक पदाधिकारी पुण्य तरु ने बताया कि इससे प्लास्टिक के सामान को नदी में प्रवाहित करने से रोकने ओर उनको अलग से एकत्रित कर डिस्पोज करने में सुविधा होगी. इसके साथ ही जेटिंग मशीन के माध्यम से गंगा घाट एवं सीढ़ियों की सफाई की जा रही है.

ट्रैश स्कीमर से हो रही मंगल तालाब की सफाई

नगर निगम द्वारा छठ घाटों के साथ तालाब के पानी की सफाई भी की जा रही है. पटना नगर निगम की ट्रैश स्कीमर मशीन गंगा यान से मंगल तलब की सफाई की जा रही है. गौरतलब है कि यह मशीन सभी गंगा घाटों के पानी की सफाई की कर रही है ताकि छठ व्रतियों को पूजा करने में कोई परेशानी नहीं हो.

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