जी-20 देशों में होगी बिहार सरकार की हर घर नल जल योजना की चर्चा, माॅडल के रूप में प्रदर्शित करेगी केंद्र सरकार
पटना: बिहार सरकार की हर घर नल जल योजना की चर्चा अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होगी. केंद्र सरकार ने बिहार सरकार की सात निश्चय की इस योजना की तारीफ की है, साथ ही जी 20 देशों के सम्मेलन में इसे माॅडल के रूप में प्रदर्शित करने का फैसला लिया है. जल्द ही अंतरराष्ट्रीय मंच पर बिहार की इस योजना का प्रदर्शन किया जायेगा और बिहार हर घर नल का जल पहुंचाने की योजना का रोल माॅडल बनेगा. इसके लिए केंद्र के निर्देश पर बिहार के लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग ने योजना की पूरी जानकारी और उपलब्धि को केंद्र सरकार को अवगत करा दिया है.
पटना: बिहार सरकार की हर घर नल जल योजना की चर्चा अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होगी. केंद्र सरकार ने बिहार सरकार की सात निश्चय की इस योजना की तारीफ की है, साथ ही जी 20 देशों के सम्मेलन में इसे माॅडल के रूप में प्रदर्शित करने का फैसला लिया है. जल्द ही अंतरराष्ट्रीय मंच पर बिहार की इस योजना का प्रदर्शन किया जायेगा और बिहार हर घर नल का जल पहुंचाने की योजना का रोल माॅडल बनेगा. इसके लिए केंद्र के निर्देश पर बिहार के लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग ने योजना की पूरी जानकारी और उपलब्धि को केंद्र सरकार को अवगत करा दिया है.
पीएचइडी के सचिव जितेंद्र श्रीवास्तव ने दी जानकारी
पीएचइडी के सचिव जितेंद्र श्रीवास्तव ने मंगलवार को इसकी जानकारी दी. पीएचइडी को राज्य के 56080 वार्डों में इस योजना को पहुंचाने की जिम्मेदारी मिली है. अब तक साठ फीसदी काम पूरे हो गये हैं. 90 लाख परिवारों में इस योजना को पहुंचाना है, जिसमें 50.79 लाख परिवारों तक नल जल का कनेक्शन जोड़ दिया गया है. अक्तूबर महीने में विभाग अपने लक्ष्य को हासिल कर लेगा और इसे सभी वार्डों में पूरा कर लिया जायेगा. केंद्र सरकार ने इस योजना की सराहना की है और जल्द ही इसे अपनी कई योजनाओं में शामिल करेगी.
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बनाया जा रहा है स्टेट वाटर कंट्रोल रूम
सचिव ने बताया कि जल जीवन हरियाली योजना के तहत 3316 कुंआ के जीर्णोद्धार का लक्ष्य है, जिसमें 50 प्रतिशत को पूरा कर लिया गया है. पंचायती राज व पीएचइडी मिल कर इस योजना की माॅनीटरिंग करने के लिए स्टेट वाटर कंट्रोल रूम बनाया जा रहा है. दोनों विभाग साझा रूप से योजना की माॅनीटरिंग करेंगे और किस पंप से कितना पानी निकाला गणस और कहां कितनी जरूरत है, इसकी पूरी निगरानी हो सकेगी. 1.10 लाख वार्डों की इससे माॅनीटरिंग हाेगी.
दस हजार जलश्राेतों की पहचान की गयी
पानी की किल्लत वाले जिलों के दो हजार पंचायतों में पानी पहुंचाने के लिए दस हजार जलश्राेतों की पहचान की गयी है. इसे जीर्णोद्धार कर पानी संकट को दूर किया जायेगा. विभाग ने अब तक 34 हजार चापाकलों की मरम्मत की है और तीन हजार नये चापाकल लगाये गये हैं. विभाग ने लाॅकडाउन के दौरान 5350 कोरेंटिन सेंटरों को बनाया. जिसमें 29 हजार शौचालय बनाये और 12 हजार करीब महिला स्नानागार का निर्माण कराया. बड़ी संख्या में कोरेंटिन सेंटरों पर चापाकल भी लगाये गये
Posted by : Thakur Shaktilochan Shandilya